उन्होंने कहा कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं। रूस की सरकारी संवाद समिति तास न्यूज एजेंसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस रूसी शहर की यात्रा के इतर रोगोजिन के हवाले से कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इसमें और कितना समय लगेगा। सरकारों के बीच एक समझौता है और अब हम शर्तों पर सामान्य रूप से चर्चा कर रहे हैं।

भारत ने गत वर्ष 15 अक्तूबर को रूस के साथ त्रिउंफ वायु रक्षा प्रणाली को लेकर एक समझौते की घोषणा की थी जिसकी कीमत पांच अरब डालर से अधिक है। भारत ने इसके साथ ही चार युद्धपोत निर्माण में सहयोग और कामकोव हेलीकाप्टर के लिए एक संयुक्त निर्माण इकाई स्थापित करने की भी घोषणा की थी।
जानिए कैसे काम करता है एस-400 मिसाइल सिस्टम
– एस-400 त्रिउंफ एक विमान भेदी मिसाइल है।
– एस-400 त्रिउंफ रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी।
– इन डिफेंस सिस्टम से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है ।
– ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। इसके पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी कैपिसिटी है।
– इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
– मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है।
– पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा। यह एक तरह का मिसाइल शील्ड है।
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