यूक्रेन में तबाही मचाने वाले रूस की धरती पर नया संकट मंडरा रहा है। रूस में शिवलुच ज्वालामुखी में बहुत तेज हलचल देखी गई है। ऐसी संभावना है कि यह कभी भी फट सकता है। संबंधित अधिकारियों ने चेतावनी भी जारी कर दी है। नासा के मुताबिक, शिवलुच ज्वालामुखी पर सबसे शक्तिशाली विस्फोट 2009 में दर्ज किया गया था। इस बार रूसी अधिकारियों को इसके फटने से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ान प्रभावित होने का अंदेशा है।
शिवलुच रूस के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। ज्वालामुखियों पर अध्ययन करने वाले एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि विस्फोट कभी भी हो सकता है। शनिवार को इसने करीब 13000 फीट की ऊंचाई तक ज्वालामुखी की राख का ढेर दर्ज किया।
अधिकारी का कहना है कि ज्वालामुखी में लावा लगातार विकसित हो रहा है। विस्फोट होने की स्थिति में लावा 10 से 15 किमी (9.32 मील) तक की स्पीड से आस-पास के इलाके को अपने आगोश में ले लेगा। यह कभी भी हो सकता है।
रूसी राज्य मीडिया आरआईए ने ट्वीट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी कि ज्वालामुखी बहुत गर्म हो चुका है। रात में यह काफी चमकता है।
यहां यह गौर करने वाली बात है कि नासा के अनुसार, शिवलुच ज्वालामुखी पर सबसे शक्तिशाली विस्फोट 2009 में दर्ज किया गया था। कमचटका के सबसे बड़े ज्वालामुखियों में से एक शिवलुच का शिखर 3,283 मीटर (10,771 फीट) तक पहुंच गया है और पिछले 10,000 वर्षों में अनुमानित 60 बड़े विस्फोटों के साथ प्रायद्वीप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।