रूस ने यूक्रेन से जारी जंग के बीच अपनी मंशा को भी जग जाहिर कर दिया है। रूस की सेना के जनरल ने साफ कहा है कि उनका मकसद दक्षिणी यूक्रेन पर कब्जा करने का है। रूसी सेना के जनरल के इस बयान ने पूर्व के उन सभी बयानों को झूठा साबित कर दिया है जिसमें कहा गया था कि रूस यूक्रेन के इलाकों पर कब्जा नहीं करना चाहता है। इस बीच तास ने ये भी खबर दी है कि रूस की सेना ने खार्किव क्षेत्र के बड़े आर्म्स डिपो पर अपना कब्जा कर लिया है। तास न्यूज एजेंसी के मुताबिक यहां पर हजारों टन गोला-बारूद और हथियार मौजूद है।

वहीं इस जंग को रोकने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनिया गुतरेस मास्को की यात्रा पर जाने वाले हैं।जानकारी के मुतबिक यूएन महासचिव 26 अप्रेल को मास्को जाएंगे और वहां पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे।
रूस की सेना की तरफ से कहा गया है कि उसने डोनबास समेत लगभग समूचे दक्षिणी यूक्रेन पर अपना कब्जा कर लिया है और अब वो दक्षिण में ही मोलदोवा की तरफ बढ़ रहे हैं। रूस के मुताबिक सेना ने दूसरे चरण के युद्ध के लक्ष्य को पा लिया है। सेना के बयान में ये भी कहा गया है कि उसने मास्को के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को पा लिया है। रूस की सेना के सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक कमांडर रुस्तम मिनेकेव ने कहा कि अब वो क्रीमिया और यूक्रेन के जीते हुए हिस्सों के बीच एक जमीनी गलियारा तैयार करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने ये बात वार्षिक बैठक के दौरान कही है।
मिनेकेव ने ये भी कहा है कि दक्षिण यूक्रेन पर कब्जे के साथ ही रूस की पहुंच यूक्रेन के ट्रांस्डनिसेट्रिया तक हो जएगी। उनके मुताबिक ये इलाका भी रूस समर्थन वाले लोगों का है और यहां पर पहले से ही रूस के करीब 1500 जवान मौजूद हैं। क्रेमलिन की तरफ से यूक्रेन पर आरोप लगाया गया कि यूक्रेन की सरकार ने इन लोगों के साथ कभी भी समान दृष्टिकोण नहीं अपनाया और भेदभाव किया। रूस की तरफ से ये भी कहा गया कि नाटो ने रूस की सीमा पर संकट बढ़ाने का काम किया है।
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