रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2024 के बाद भी देश का राष्ट्रपति बन सकते हैं. पुतिन का वर्तमान कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है. उसके बाद उन्हें राष्ट्रपति बनने में संवैधानिक अड़चनें आ रही थीं. इसे देखते हुए वहां की संसद में बुधवार को एक प्रस्ताव पास किया गया. इसके बाद पुतिन 2024 के बाद 12 साल और राष्ट्रपति बन सकते हैं.
समाचार एजेंसी के मुताबिक संसद के निचले सदन डूमा में संवैधानिक संशोधन पेश किया गया. यह प्रस्ताव 383 वोट से पास हो गया. अब 2024 में वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी पुतिन दो बार यानी 12 साल तक राष्ट्रपति बन सकते हैं. प्रस्तावित संशोधन पर देशभर में 22 अप्रैल को वोटिंग होगी. देश भर में वोटिंग से पहले रूस की संवैधानिक अदालत इस प्रस्ताव की समीक्षा करेगी.
हालांकि इस संशोधन की आलोचना भी हो रही है. पुतिन विरोधियों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया है. 67 वर्षीय पुतिन रूस पर 20 साल से ज्यादा समय से शासन कर चुके हैं. कभी वो राष्ट्रपति रहे, तो कभी प्रधानमंत्री रहे. यह उनका चौथा कार्यकाल है. उन्होंने मार्च 2018 के चुनाव में चौथी बार जीत दर्ज की थी और अब वो साल 2024 तक रूस के राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे.
बता दें कि व्लादिमीर पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में सोवियत परिवार में हुआ था. उनके पिता सोवियत नेवी का हिस्सा थे और मां एक फैक्ट्री वर्कर थी.
व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति बनने पहले जासूस थे. पुतिन ने रूसी की खुफिया एजेंसी केजीबी के विदेश में जासूस के रूप में 15 साल तक काम किया. साल 1990 में वो केजीबी से लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक से रिटायर हो गए और रूस वापस लौट आए. इसके बाद वो लेनिनग्राड स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर बन गए.
फिर वे एंतोली सोबचाक के सलाहकार बन गए. एंतोली सोबचाक राजनीतिक सुधारक और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सेंट पीटर्सबर्ग के पहले मेयर थे.
पुतिन ने अपनी काबिलियत के दम पर एंतोली सोबचाक का विश्वास जीत लिया और साल 1994 में वो सेंट पीटर्सबर्ग के पहले डिप्टी मेयर बन गए. माना जाता है कि पुतिन को राजनीति में लाने का श्रेय भी एंतोली सोबचाक को ही जाता है.