प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते हैं। हालांकि तारीख के बारे में आधिकारिक एलान नहीं हुआ है। मगर दोनों देश यात्रा को लेकर एक-दूसरे के संपर्क में हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने इसी महीने रूस की यात्रा की थी। पीएम मोदी की संभावित यूक्रेन यात्रा पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकीं हैं। कूटनीतिक गलियारों में भी यात्रा को लेकर उत्सुकता है।
जुलाई 2024 में रूस की यात्रा करने के बाद अगस्त में पीएम नरेन्द्र मोदी यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी, 2022 से युद्ध चल रहा है और अब भी दोनों देशों के बीच शांति स्थापित होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में पीएम मोदी का कुछ हफ्तों के अंतराल पर इन दोनों देशों की यात्रा पर जाने को लेकर सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के कूटनीतिक गलियारों में उत्सुकता है।
यात्रा की तारीख अभी तय नहीं
अगर योजना के मुताबिक उनकी यूक्रेन यात्रा होती है तो वह हाल के समय में मॉस्को और कीव जाने वाले संभवत: पहले वैश्विक नेता होंगे। वैसे इस यात्रा के बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन कूटनीतिक सूत्रों ने बताया है कि यात्रा की तिथि के बारे में दोनों देश संपर्क में हैं और इसे अगस्त के अंत में संभव बनाने की कोशिश की जा रही है।
भारत का पुराना मित्र है रूस
मोदी की रूस यात्रा को लेकर अभी वैश्विक कूटनीतिक मंच पर काफी चर्चा है। खास तौर पर अमेरिका की तरफ से इस पर गहरा रोष कई स्तरों पर जताया जा रहा है। भारत-रूस का बहुत ही पुराना मित्र देश है, लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध पर उसने अपनी स्वतंत्र नीति अपना रखी है। रूस के हमले की भारत ने अभी तक निंदा नहीं की है, लेकिन यूक्रेन के साथ भी लगातार संपर्क बना कर रखा है।
दो बार जेलेंस्की से मिल चुके पीएम मोदी
युद्ध शुरू होने के बाद पीएम मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से दो बार व्यक्तिगत तौर पर (जी-सात देशों की बैठक के दौरान) मुलाकात कर चुके हैं और भारत-यूक्रेन के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की पैरवी कर चुके हैं। भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन की मदद के लिए कई बार मानवीय आधार पर मदद भी भेजी है। इनके बीच टेलीफोन पर भी बात हुई है, जिसमें जेलेंस्की ने मोदी को यूक्रेन यात्रा के लिए आमंत्रित किया था।
रूस के साथ खड़ा है चीन
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने मार्च, 2024 में भारत की यात्रा की थी। तब जयशंकर ने कहा था कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों के बड़े एजेंडे पर काम कर रहे हैं। उसके बाद भी दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका व पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ हैं, जबकि चीन रूस के साथ है। भारत उन गिने-चुने प्रमुख देशों में है, जो दोनों पक्षों के साथ संपर्क में है।
जिनपिंग ने भी की थी रूस की यात्रा
युद्ध के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक समेत कई पश्चिमी देशों के नेताओं ने कीव की यात्रा की है, जबकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बन ने मॉस्को की यात्रा की थी। जिनपिंग के बाद मोदी ही बड़े वैश्विक नेता हैं, जिन्होंने रूस की यात्रा की है।