रूपये छापने वाली कंपनी को सरकार की सलाह- विदेशी नोट भी छापो

भारत सरकार ने नोट छापने और सिक्कों की ढलाई करने वाली भारत प्रतिभूति मुद्रण और मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (SPMCIL) को मौजूदा मुनाफा से 10 गुणा ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए नई सोच पर काम करने की सलाह दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने SPMCIL को अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने और निर्यात क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने को कहा है, ताकि वह अधिक मुनाफा कमा सके.

दरअसल रविवार को गोयल ने SPMCIL के 13वें स्थापना दिवस पर नई दिल्ली में कहा, ‘मुझे बताया गया है कि कंपनी ने सिक्कों की ढलाई के लिए पहले ही कुछ देशों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. आपके पास अफ्रीका और यूरोपीय देशों को निर्यात की क्षमता है.’

SPMCIL को सलाह देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि सिक्कों की ढलाई, नोटों और डाक टिकटों की छपाई के बड़े ठेके हासिल करने के लिए विदेशों में व्यापक संपर्क कार्यक्रम शुरू करना चाहिए. कंपनी को बड़े सपने देखने चाहिए, और 6,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल करने की सोच रखनी चाहिए. कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 630 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. 

गोयल ने कहा कि कंपनी को देशभर में स्थित 9 प्रोडक्शन यूनिटों को भी हाईटेक बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि इसे निर्यात ठेके मिल सकें. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने इसी मौके पर कहा कि कंपनी मुद्रा छपाई कागज के मामले में आत्मनिर्भर हो चुकी है. उन्होंने कहा कि होशंगाबाद में प्रस्तावित एक अन्य मिल से रिजर्व बैंक की प्रिंटिंग प्रेस की जरूरतों की पूर्ति होगी. 

सुभाष गर्ग ने कहा कि नई सीरीज के सिक्कों का डिजायन और फीचर इस तरह होना चाहिए कि दृष्टिबाधित लोग भी उसे पहचान सकें. उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य नोटों के सुरक्षा फीचर विकसित करना भी होना चाहिए, जो फिलहाल देश में डिजायन नहीं किए जा रहे हैं. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के नियंत्रण में काम करने वाली इस कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में सरकार को 200 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है.

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