इंसेफ्लाइटिस को लेकर चर्चा में रहने वाले गोरखपुर से ज्यादा खराब हाल इन दिनों रुहेलखंड के हैं। चौमासे भर भारी बरसात के बीच मंडल में बुखार, बेमौसम डेंगू, डायरिया समेत संक्रामक रोगों से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
पिछले एक हफ्ते से अब तक 73 लोग बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली में मारे जा चुके हैं। बरेली के आंवला और रजऊ में एक दिन के भीतर आठ लोगों ने दम तोड़ दिया। कैबिनेट वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बीते शनिवार को बरेली जिला अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां हालात बेहद बदतर मिले। मरीजों को जरूरी सुविधाएं मयस्सर नही थीं। एक-एक बैड पर चार-चार लोग लेटे थे। न दवाएं और न इलाज के लिए डॉक्टर उपलब्ध थे। उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सीएमएस को जेल भिजवाने तक की चेतावनी दी।
बरेली की आंवला तहसील हाल ज्यादा खराब हैं। जहां जहां बुखार से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं जिला अस्पताल के हालात भी अब लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। जिला अस्पताल में वायरल बुखार और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रतिदिन ओपीडी में एक हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन विभाग इसको लेकर सतर्क नहीं है। स्वास्थ्य विभाग मरीजों के दर्द पर दवाओं का मरहम लगाने में फेल साबित हो रहा है। यहां दवाओं की कमी है। मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं, साथ ही मरीजों के लिए न तो अतिरिक्त डाक्टरों की व्यवस्था की गई है और न ही वार्डों की। आंवला क्षेत्र में तीन दिन में पांच लोगों की मौत हो गई है।