अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) जल्द ही दिवालिया हो सकती है। इससे कई कंपनियों, व्यक्तियों और म्यूचुअल फंड के तीन हजार करोड़ रुपये डूब सकते हैं। कंपनी को आगामी तीन जनवरी को अपने बकाये का भुगतान करना है, लेकिन इसकी किसी तरह से कोई आशा नहीं लग रही है। इन सभी ने कंपनी के कुल बीस हजार डिबेंचर में पैसा निवेश कर रखा है। अब इन डिबेंचर के ट्रस्टी, कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

जिन कंपनियों ने आरएचएफएल में निवेश कर रखा है उनमें निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, एसबीआई म्यूचुअल फंड, इंडियन आयरन एंड स्टील पीएफ, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इमामी समूह की कंपनी फ्रैंक रॉस, नाबार्ड और महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाली सीकॉम शामिल है। एक समय में इस बॉन्ड को एए+की रेटिंग मिली हुई थी।
दिसंबर 2016 में इस बॉन्ड को जारी किया गया था। पहली सीरिज जनवरी में मैच्योर होगी। हालांकि डिफॉल्ट होने पर रिलायंस को पूरा पैसा और ब्याज भी देना होगा। इस बॉन्ड की कस्टडी आईडीबीआई बैंक के पास है। नवंबर में बैंक ने आरएचएफएल के डिफॉल्ट कैटेगिरी में जाने पर मीटिंग बुलाई थी, जिसके बाद कंपनी को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई करने के बारे में बताया गया था।
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