मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस जियो ने टेलीकॉम उद्योग के संगठन सीओएआइ पर उद्योग की माली हालत के बारे में सरकार के समक्ष गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाया है। सीओएआइ के महानिदेशक राजन मैथ्यू को लिखे पत्र में जियो ने कहा है कि एसोसिएशन ने ‘डराने’ और ‘ब्लैकमेल करने’ के अंदाज में सरकार से ऐसे संकट का जिक्र किया गया है, जो असल में है ही नहीं।
जियो ने सीओएआइ की ओर से संचार मंत्री को रात में पत्र भेजने पर कहा है कि ऐसा जियो के साथ परामर्श से बचने के लिए किया गया। पत्र में सीओएआइ ने दो टेलीकॉम कंपनियों (भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की ओर इशारा) के बर्बाद होने का डर जताया गया है। लेकिन न तो ऐसा कुछ होने वाला है और न ही सरकार के डिजिटल इंडिया के एजेंडे पर कोई प्रभाव पड़ने वाला है।
जियो ने सीओएआइ पर ‘पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर एकतरफा ढंग से काम करने’ तथा भरोसे को ‘गंभीर चोट पहुंचाने’ का आरोप लगाया है। जियो ने कहा है कि लगता है सीओएआइ पूरे टेलीकॉम उद्योग का संगठन नहीं, वरन केवल दो कंपनियों का मुखपत्र है। जबकि ये पुराने ऑपरेटर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। इन्होंने अपने नेटवर्क के आधुनिकीकरण पर कोई ध्यान नहीं दिया।
गौरतलब है कि सरकार को भेजे पत्र में सीओएआइ ने कहा है कि केंद्र की ओर से तत्काल राहत नहीं मिलने की दशा में एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को अप्रत्याशित संकट का सामना करना पड़ेगा। ये दोनों कंपनियां टेलीकॉम उद्योग में करीब 63 प्रतिशत ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। सीओएआइ के मुताबिक अगर सरकार ने इन कंपनियों को उचित तरीके से मदद मुहैया नहीं कराई तो टेलीकॉम उद्योग का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा और उद्योग पर एकाधिकार का खतरा मंडराने लगेगा।
दूसरी ओर भारती एयरटेल ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले सप्ताह के निर्णय पर बुधवार को कहा कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के मसले पर संतुलित नजरिया रखना ही सभी पक्षों के हित में होगा। टेलीकॉम उद्योग में शुल्क से जुड़े एजीआर जैसे विशाल मसलों और विवादों का उचित तरीके से निपटारा ही अपेक्षित है।
सुनील मित्तल के नेतृत्व वाली एयरटेल का कहना है कि भारत की टेलीकॉम कंपनियों ने इस क्षेत्र को विकसित करने और विश्वस्तरीय सेवा मुहैया कराने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे वक्त आया है जब टेलीकॉम सेक्टर गंभीर वित्तीय दबाव का सामना कर रहा है। निवेशकों को संबोधन में एयरटेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कंपनी को आशा है कि सरकार एजीआर पर ‘संतुलित दृष्टिकोण’ अपनाएगी।
एयरटेल ने अपने सितंबर, 2019 को समाप्त दूसरी तिमाही परिणामों की खास झलकियां तो पेश कीं। परंतु ये कहते हुए 14 नवंबर तक की पूरी आय नहीं दर्शाई कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एजीआर की परिभाषा बदलने के कारण अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल तथा उनके भाई राजन मित्तल ने सोमवार को संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की थी।