RBI Monetary Policy। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब से कुछ देर बाद मौद्रिक नीति समिति पर नीतिगत फैसले की घोषणा करेगी। मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई गर्वनर इस संबंध में 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। गौरतलब है कि RBI गवर्नर ने जून में अपनी पिछली बैठक में दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, तब RBI Monetary Policy के तहत रेपो दर को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 3.35 फीसद पर बरकरार रखा गया था। ऐसी संभावना है कि आज भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेपो दर में कोई बड़ा बदलाव नहीं करने जा रहा।
5 से 6 माह स्थिर रह सकती है ब्याज दर
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकारों व शोध एजेंसियों के अनुमान है कि बढ़ती महंगाई के कारण MPC द्वारा कम से कम 5-6 महीनों तक ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है क्योंकि कोरोना की लहर से अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके और लोगों को थोड़ी राहत दी जा सके।
रिकवरी के दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था
कोरोना महामीर की दूसरी लहर के बाद फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी दर्ज की जा रही है। जानकारों के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आर्थिक विकास दर को बढ़ाने में मदद करेगा और ब्याज दरों को लेकर सख्त रुख अपनाने का विचार नहीं करेगा। हाल में अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक समेत कई अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एजेंसियों ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के लक्ष्य को घटा दिया है।
आरबीआई गर्वनर ने कहा था, कम भी कर सकते हैं ब्याज दर
दो महीने पहले RBI गवर्नर ने ऐलान किया था कि अगर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जरूरत पड़ी तो ब्याज दरों में कमी भी की जा सकती है। वहीं श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस के एमडी व सीईओ वाईएस चक्रवर्ती ने कहा कि मार्च, 2021 के बाद से अधिकांश सेक्टर में मांग की स्थिति में बहुत सुधार नजर नहीं आ रहा। अभी ब्याज दरों को कम रखने से दोपहिया वाहनों व दूसरे उद्योगों में मांग बढ़ाने में मदद मिल सकती है। मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है।