कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं, कोई ना कोई विवादित बयान जरूर देते हैं। जर्मनी के हैम्बर्ग में बुसेरियस समर स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने देश में उन्माद की हिंसा (मॉब लिंचिंग) की बढ़ती घटनाओं को बेरोजगारी से जोड़ दिया। राहुल का ये बयान कुछ ऐसा ही है, जैसे कहा जाता है कि देश की बढ़ती जनसंख्या की वजह बेरोजगारी है। भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के भाषण को झूठ और फरेब बताया है। संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी भारत को समझ ही नहीं पाए हैं। इसलिए उन्होंने ऐसा बयान देकर विदेश में भारत का मान घटाया है।
संबित पात्रा ने कहा, ‘राहुल गांधी ने आतंक और आइएसआइएस को सही ठहराने की कोशिश की। 70 साल तक उनके परिवार का शासन रहा, लेकिन उन्होंने कोई विजन नहीं दिया। राहुल ने झूठे और गलत तथ्यों पर आधारित भाषण दिया। उन्होंने विदेश में जाकर भारत के संसद का अपमान किया। राहुल गांधी ने राहुल की तरह व्यवहार किया और जर्मनी में भारत का सम्मान घटाया।’ उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आपके पिता राजीव गांधी जी ने ही कहा था कि 100 पैसा भेजने पर आम आदमी के पास केवल 15 पैसा ही पहुंचता है। बीच का 85 पैसा कांग्रेस के लोग ही तो खाते थे, आखिर उस वक्त सरकार में कौन था?
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