नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार की तीसरी शख्सियत प्रियंका गांधी भी जांच के दायेर में आ गई हैं। आयकर विभाग की ओर से यंग इंडियन (YI) प्राइवेट लिमिटेड को भेजी गई नोटिस के मुताबिक प्रियंका गांधी ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) में YI की 100 फीसदी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए AJL के शेयर खरीदे। अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज़ 18 के मुताबिक 24 पन्ने के आयकर विभाग के इस नोटिस में सोनिया और प्रियंका का मुख्य लाभार्थी बताया गया है। इस नोटिस के मुताबिक प्रियंका गांधी ने रत्तन दीप ट्रस्ट और जनहित निधि ट्रस्ट के जरिये AJL के अतिरिक्त शेयर खरीदे और इस तरह से यंग इंडियन का AJL पर पूरा स्वामित्व हो गया। यंग इंडियन के मेजोरिटी शेयर पहले से ही सोनिया और राहुल गांधी के पास थे।
आयकर की धारा 148 के तहत वित्तीय वर्ष 2010-11 में यंग इंडियन के रिवैल्युवेशन से पता चला कि टैक्स बचाने के लिए इस कंपनी ने फर्जी लेन देन और गलत डाटा भी पेश किये। बता दें कि यंग इंडियन को इसके प्रमोटरों ने गैर व्यावसायिक कंपनी के रूप में पेश किया। और इस कंपनी का उद्देश्य लोकतंत्र और सामाजिक एकता के लिए काम करना था। आयकर की धारा 148 के तहत वित्तीय वर्ष 2010-11 में यंग इंडियन के रिवैल्युवेशन से पता चला कि टैक्स बचाने के लिए इस कंपनी ने फर्जी लेन देन और गलत डाटा भी पेश किये। बता दें कि यंग इंडियन को इसके प्रमोटरों ने गैर व्यावसायिक कंपनी के रूप में पेश किया। और इस कंपनी का उद्देश्य लोकतंत्र और सामाजिक एकता के लिए काम करना था।
आयकर का नोटिस कहता है कि YI द्वारा AJL के अधिग्रहण से YI के पास कई करोड़ स्थायी संपत्तियों के अधिकार आ गये, YI के पास AJL के कई संपत्तियों से करोड़ों रुपये किराया वसूलने का भी अधिकार आ गया। चूंकि यंग इंडियन के 75 फीसदी से भी ज्यादा शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास थे इसलिए वे इस लेन-देन के मुख्या लाभार्थी हुए। आई टी विभाग ने अपने जांच में पाया है कि इस लेन देन में शामिल सभी लोग कॉमन थे और वे किसी ना किसी तरह से कांग्रेस, AJL या फिर YI से जुड़े हुए थे।