एजेंसी/केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा में राहुल गांधी तथा कांगेस की ओर से कालाधन को लेकर बजट में किए गए प्रावधान पर उठाए गए सवाल का जवाब दिया।
जेटली ने काले धन की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार के आने के बाद यह पूछा जा रहा है कि काले धन को रोकने के लिए कौन से कदम उठाए गए और सरकार की नीति तथा नीयत क्या है? लेकिन, वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उनकी सरकार ने 21 महीने में कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि काला धन जमा करने वाले लोगों के नाम की सूची प्रक्रिया के तहत ही उजागर की जाएगी। अदालत में जिन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दायर किए जाएंगे, उनके नाम नियमत: उजागर हो जाएंगे पर जिनके खिलाफ मामला अदालत में दायर नहीं है, उनके नाम नियमत: उजागर नहीं किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम राजनीतिक कारणों से किसी का नाम उजागर कर भी दें तो हम ऐसा कर उन्हें ही फायदा पहुंचाएंगे।
पहले भी बनी है काले धन को सफेद करने की स्कीम
राहुल गांधी द्वारा बजट में कालाधन के संबंध में किए गए प्रावधान को ‘फेयर एंड लवली स्कीम’ बताने वाले बयान पर जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि पहले भी सरकारों ने काले धन को सफेद करने की योजना बनाई थी। लेकिन सभी योजनाएं सफल नहीं होती हैं।
वर्ष 1980 में आय घोषित करने की एक स्कीम आई थी उससे केवल 904 करोड़ रूपए की ही प्राप्ति हुई थी। फिर 1997 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम एक स्कीम लेकर आए जिसमें 30 प्रतिशत कर देकर काले धन को सफेद किया गया, लेकिन उनसे दस साल पुरानी आय के आधार पर टैक्स लिया गया। इससे यह हुआ कि सरकार का 1995 के बाद टैक्स की राशि बढ़ी ही नहीं, जबकि हर साल सरकार का राजस्व टैक्स से 10-15 प्रतिशत बढ़ जाता था।
‘फेयर एंड लवली’ कमेंट पर दी सफाई
जेटली ने कहा कि इस बार बजट में जो स्कीम आई है, उसमें आज के बाजार मूल्य पर टैक्स देने का तथा उस पर 50 प्रतिशत जुर्माना भरने का भी प्रावधान है। इसलिए इस योजना में कोई छूट नहीं दी गई है जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने बैंकों के डूबे कर्ज का जिक्र करते हुए कहा कि यह कोई बड़ा संकट नहीं है। यह एक चुनौती जरूर है पर यह कर्ज हमने नहीं दिया है, बल्कि यह आपने दिया है।
उन्होंने कहा कि चीन से सस्ते में इस्पात आने के कारण भी टाटा स्टील और सेल की रेटिंग खराब हो गई तथा बैंकों का एनपीए बढ़ गया। उन्होंने कहा कि आज हम बिजली का रिकार्ड उत्पादन तथा वितरण कर रहे हैं, लेकिन वोट की राजनीति के कारण बैंकों से ऋण लेकर बिजली के रेट सस्ते किए गए और बैंकों को वे पैसे लौटाए भी नहीं गए। उन्होंने इस संबंध में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार का उदाहरण भी पेश किया।
हमने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया है
उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी आर्थिक संकट के दौर में उनकी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया है और बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए सड़क तथा ग्रामीण विकास एवं सिंचाई और मनरेगा पर ध्यान दिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होने पर जो राशि सरकार को प्राप्त हुई है उनका एक हिस्सा उपभोक्ताओं पर, एक छोटा हिस्सा तेल कंपनियों तथा एक बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए खर्च किया जा रहा है। इसमें आखिर क्या गलत है? जेटली ने इशरत जहां, विदेश नीति, असहिष्णुता आदि के मुद्दे पर भी कांग्रेस को घेरा तथा गरीबी तथा अखंडता के मुद्दे पर उससे सहयोग की भी अपील की ताकि देश का विकास हो सके।
अभिवयक्ति की आजादी व असहिष्णुता पर भी बोले
जेटली ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के खिलाफ कोई नहीं है, लेकिन देश को तोड़ने का अधिकार किसी को नहीं होना चाहिए। जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा करना हर हाल में जरूरी है और वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस उन लोगों के खिलाफ आगे आए जो देश को तोड़ने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के खिलाफ कोई नहीं है, पर उसकी आड़ में किसी को भी देश को तोड़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस होती थी, लेकिन आज कम से कम हम भ्रष्टाचार पर चर्चा नहीं करते हैं।