नई दिल्ली: देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम अपना संबोधन दिया, जिसमे उन्होंने देशवासियो को गणतंत्र दिवस की बधाई देने के साथ उन्होंने भारत सरकार के नोटबंदी के फैसले की सरहाना की. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संबोधन में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने को लेकर जहा अपने विचार प्रकट किये वही नोटबंदी को उन्होंने एक अच्छा कदम बताया जिसके परिणाम आगे चलकर सुखद होंगे. राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करके दोनों चुनाव साथ कराने के लिए विचार करने को कहा है.
गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम दिए गए अपने संबोधन में बहुलतावाद और विविधता को देश की ताकत बताया है. उन्होंने कहा कि भारत में पारंपरिक रुप से तर्को पर आधारित भारतीयता का जोर रहा है.
राष्ट्रपति ने देश के इतिहास को दोहराते हुए संविधान से जुडी कुछ बाते बताई. जिसमे कहा कि आज हम विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था हैं. सेना और अंतरिक्ष में चलाये जा रहा कार्यक्रम भी देश की प्रगति की निशानी है. भारत हर क्षेत्र में निरंतर प्रगतिशील है. विज्ञान और तकनिकी में और भी संभानाएं है, जिनमे हमें और भी उचित कदम उठाने की जरूरत है.