राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के मामले में एक आयोजक की पुनरीक्षण याचिका HC ने की खारिज….

राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के मामले में एक आयोजक की पुनरीक्षण याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज में एक मूक हत्यारा है, यह एक गंभीर आर्थिक मुद्दा है जो देश के विकास को प्रभावित करता है। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को वंचित करता है। इसलिए इसे खत्म करने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।

29 अप्रैल के अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि यदि निचली अदालत को पता चलता है कि किसी आरोपित के खिलाफ सबूत प्रथम दृष्टया आरोप तय करने के लिए पर्याप्त है, तो वह उस आधार पर मुकदमा तय कर सकती है। हाइकोर्ट में दाखिल याचिका में सीडब्ल्यूजी की आयोजन समिति के तत्कालीन महानिदेशक वीके वर्मा, जिन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए 2017 सीबीआई अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा पुनरीक्षण न्यायालय को आदेश के साथ-साथ किसी भी निष्कर्ष की शुद्धता, वैधता या औचित्य पर विचार करना होता है साथ ही निचली अदालत की कार्रवाई की नियमितता को भी जांना होता है।

कोर्ट में मौजूद दस्तावेज देखने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामले से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता यह नहीं बता पाए कि निचली अदालत के न्याय में क्या खामिया हैं। तत्काल याचिका द्वारा, पेटेंट अनियमितताओं को इंगित करने के बजाय, याचिकाकर्ता पुनरीक्षण न्यायालय से मौजूद साक्ष्यों की आलोचनात्मक जांच और विश्लेषण करने के लिए कह रहा है जो कि परीक्षण का मामला है और इस स्तर पर इसकी जांच नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने इसके आधार पर याचिका खारिज कर दी।

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