राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एनडीए को सिर्फ एक विपक्षी पार्टी के सहारे की जरूरत है। इकोनॉमिक टाइम्स के आंकलन के मुताबिक नरेंद्र मोदी के अगुआई में एनडीए विपक्ष से काफी आगे नजर आ रहा है। अगर एनडीए में शामिल शिवसेना बगावती तेवर ना दिखाए तो सत्ताधारी एनडीए को अपने पसंद का राष्ट्रपति बनाने में लगभग ना के बराबर दिक्कत पेश आएगी। अभी हाल मे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी की स्थिति को बहुत मजबूत बना दिया है। वहीं सपा और बसपा की बुरी हार से विपक्ष काफी कमजोर नजर आ रहा है।
राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर एनडीए के पास विपक्ष से लगभग 15 फीसदी ज्यादा वोट शेयर हैं। एनडीए के पास 48.64 प्रतिशत वोट शेयर हैं तो वहीं यूपीए के पास 35.47 फीसदी वोट शेयर हैं। अब अगर एनडीए को अपने मन का राष्ट्रपति चुनना है तो उसे उन 6 राजनीतिक पार्टियों के समूह जिनके पास लगभग 13 प्रतिशत वोट शएयर हैं उनमें से कुछ को अपनी तरफ मिलाना होगा।
AIADMK, BJD, YSRP, AAP और INLD इन राजनीतिक पार्टियों का रुख राष्ट्रपति चुनाव को दिलचस्प बना सकता है। अगर एनडीए को इनमें से किसी भी पार्टी का समर्थन हासिल हो जाता है तो फिर उन्हें अपना राष्ट्रपति बनाने से कोई नहीं रोक सकता।