खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि सरकार 1 जून से पूरे देश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू करना चाहती है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश और बिहार सहित चार अन्य राज्यों में मार्च तक राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को मार्च तक लागू कर दिया जाएगा। सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ पहल के तहत किसी भी राज्य के राशन कार्ड रखने वाले को देश के किसी भी हिस्से में सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध करना है।

उन्होंने बताया कि ऐसा होने पर देश के किसी भी हिस्से में उचित मूल्य की दुकान से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत नागरिक अपने कोटे का खाद्यान्न ले सकेंगे। आंकड़ों के अनुसार एनएफएसए के तहत, लगभग 75 करोड़ लाभार्थियों को इसके दायरे में लिया गया है जबकि लक्ष्य 81.35 करोड़ का था।
पासवान ने एक कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में 12 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू हो चुकी है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा शामिल हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे चार और राज्य 1 मार्च तक और बाकी अन्य राज्य 1 जून तक इस नई व्यवस्था को अपना लेंगे।
खाद्य मंत्री ने कहा कि राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा और लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में अपने हक का राशन हासिल करने सकेंगे।
मंत्री ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड,’ पहल के तहत किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। प्रायोगिक आधार पर चंडीगढ़, पुडुचेरी और दादरा एवं नगर हवेली में लागू किए जा रहे पीडीएस खाद्यान्नों के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का काम बैंक सुविधाओं और बिजली की कमी की वजह से सफल नहीं रहा है।
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