राम रहीम केसः 53 डेराप्रेमियों से हत्या के प्रयास और देशद्रोह के आरोप हटाए गए

राम रहीम केसः 53 डेराप्रेमियों से हत्या के प्रयास और देशद्रोह के आरोप हटाए गए

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के केस में पहली बार बड़ा फैसला लिया गया है। इससे जहां डेराप्रेमियों को राहत मिली, वहीं एसआईटी को झटका लगा। दरअसल मामले में 53 आरोपियों पर से देशद्रोह और हत्या के प्रयास की धाराएं हटाने के आदेश सेशन कोर्ट ने दिए हैं। पुलिस इन पर आरोप साबित नहीं कर पाई है। इन आरोपियों में अधिकतर राम रहीम के करीबी हैं या फिर डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्य। बचाव पक्ष के वकील सुरेश रोहिल्ला ने यह जानकारी दी। चार्जशीट के आधार पर चार्जफ्रेम की बहस पर कोर्ट ने पाया कि देशद्रोह की धारा और हत्या के प्रयास की धारा नहीं बनती है।राम रहीम केसः 53 डेराप्रेमियों से हत्या के प्रयास और देशद्रोह के आरोप हटाए गएअब इस मामले में अन्य धाराओं के तहत ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष मामला चलेगा। रोहिला ने बताया कि सुनवाई के दौरान पाया गया कि किसी भी पुलिस कर्मी को गंभीर रूप से जख्मी नहीं किया गया जबकि देशद्रोह के आरोप भी साबित नहीं हो पाए।

गौरतलब है कि अदालत द्वारा इन आरोपियों में से कई पर लगी धाराओं को हटाने से एसआईटी को करारा झटका लगा है। ऐसे में जांच में जुटी पुलिस के सामने कई चुनौतियां दिखने लगी हैं।

चार्जशीट में लगाए थे आरोप

गौरतलब है कि पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण केस में दोषी ठहराने के बाद व्यापक स्तर पर हिंसा हुई थी।

इस दौरान डेरा समर्थकों द्वारा जिले के कई इलाकों में सार्वजनिक स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। हिंसा के हालातों में पुलिस की कार्रवाई में कई लोगों की मौत हुई थी जिसके बाद पूरी घटना की जांच के लिए सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया गया था

एसआईटी की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और अन्य आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई आरोपियों को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद दायर चार्जशीट में कई लोगों पर देशद्रोह और हत्या के प्रयास के मामलों में केस दर्ज किए गए थे।

53 आरोपियों में कुछ नाम ऐसे हैं, जो काफी चर्चा में रहे थे

एफआईआर नंबर 335 में 53 आरोपियों में कुछ नाम ऐसे हैं, जो काफी चर्चा में रहे थे, जैसे सुरेंद्र धीमान इंसां, चमकौर इंसां, रणबीर सिंह प्रमुख हैं। अब ये मामला ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में चलेगा।

हरजिंदर सिंह, चरणजीत कुमार, राज कुमार, प्रवीण कुमार, धर्मबीर, सतपाल, गुरप्रीत सिंह, प्रदीप कुमार, विक्रम कुमार, भगवान सिंह, पंकज कुमार, हनी, मांगा सिंह, गुरजंट सिंह, जसप्रीत सिंह, इंदर सिंह, संदीप सिंह, इंद्रपाल, तरसेम सिंह, रविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, सुरजीत सिंह, निर्मल सिंह, बलविंदर सिंह, मदन पाल, जसकरण, नरोत्तम सिंह, कुलवंत सिंह, अजैब सिंह, जीता, दर्शन सिंह, खेम सिंह, मांगा सिंह, कुलदीप सिंह, हरिशंकर, गुरदेव सिंह, गुरुप्रसाद, मूलचंद, मनजीत सिंह, कमलप्रीत, राम सिंह, जगतार सिंह, पाल सिंह, धर्मचंद, गुरप्रीत, चांद सिंह, गुरजंट, रंजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, जगमिंदर सिंह

यह सभी कुरुक्षेत्र जेल में बंद हैं, जबकि सुरेंद्र कुमार धीमान, शीशपाल, चमकौर सिंह जोकि अंबाला जेल में बंद हैं, इनके ऊपर से देशद्रोह की धारा 121 और 121ए आईपीसी और धारा 307 को हटा लिया गया है।

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