डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के केस में पहली बार बड़ा फैसला लिया गया है। इससे जहां डेराप्रेमियों को राहत मिली, वहीं एसआईटी को झटका लगा। दरअसल मामले में 53 आरोपियों पर से देशद्रोह और हत्या के प्रयास की धाराएं हटाने के आदेश सेशन कोर्ट ने दिए हैं। पुलिस इन पर आरोप साबित नहीं कर पाई है। इन आरोपियों में अधिकतर राम रहीम के करीबी हैं या फिर डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्य। बचाव पक्ष के वकील सुरेश रोहिल्ला ने यह जानकारी दी। चार्जशीट के आधार पर चार्जफ्रेम की बहस पर कोर्ट ने पाया कि देशद्रोह की धारा और हत्या के प्रयास की धारा नहीं बनती है।अब इस मामले में अन्य धाराओं के तहत ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष मामला चलेगा। रोहिला ने बताया कि सुनवाई के दौरान पाया गया कि किसी भी पुलिस कर्मी को गंभीर रूप से जख्मी नहीं किया गया जबकि देशद्रोह के आरोप भी साबित नहीं हो पाए।
गौरतलब है कि अदालत द्वारा इन आरोपियों में से कई पर लगी धाराओं को हटाने से एसआईटी को करारा झटका लगा है। ऐसे में जांच में जुटी पुलिस के सामने कई चुनौतियां दिखने लगी हैं।