उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बैठक के बीचकेशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान आया है. गुरुवार को राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए अभी भी हमारे लिए कानून का विकल्प खुला है.
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर जल्द सुनवाई शुरू होगी और फैसला भी जल्द ही आ जाएगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर तो जरूर बनेगा, अब रास्ता चाहे जो भी हो.
केशव मौर्य ने कहा कि राम मंदिर पर हमारा रुख बिल्कुल साफ है. हम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, 29 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई होनी है. ऐसे में हमें पूरी उम्मीद है कि फैसला जल्द से जल्द आएगा.
उपमुख्यमंत्री बोले कि अगर कोर्ट से बाहर समझौते से भी बात होती है तो वह इसके लिए तैयार हैं. लेकिन कानून लाकर मंदिर बनाने का विकल्प भी खुला ही है.
‘बैठक में क्या हुआ, ये नहीं बता सकता’
जब उनसे संघ की बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि RSS के द्वारा बुलाई गई बैठक के बारे में बीजेपी के नेताओं को बोलने का अधिकार नहीं है. डिप्टी सीएम ने कहा कि इस बैठक में क्या मुद्दे रखे गए हैं, किन विषयों पर चर्चा हुई, यह सिर्फ आरएसएस ही ही बता सकता है बीजेपी के लोग अगर बताएंगे तो यह अनुशासनहीनता के दायरे में आता है.
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इतना बता सकते हैं कि आरएसएस के तमाम संगठनों के साथ ये मीटिंग थी जिसमें बीजेपी भी एक संगठन है और हमारे साथ भी चर्चा हुई.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक में बवाल
अयोध्या में राम मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जमकर हंगामा हो गया. बैठक उस समय हंगामेदार हो गया जब बुक्कल नवाब ने मोर्चे के मंच से बाबरी मस्जिद पर सवाल उठाए तो कई लोगों ने इसका विरोध किया.
हाल में समाजवादी पार्टी से बीजेपी में आए बुक्कल नवाब ने बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाया और कहा कि वहां पर नमाज नहीं की जा सकती क्योंकि वह विवादित जगह है अगर मस्जिद बन भी जाए तो वहां नमाज कौन पढ़ेगा? जब बुक्कल नवाब बोल रहे थे तभी बीजेपी के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे के राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया और साफ कहा कि मस्जिद के मुद्दे पर नहीं बोलें, मंदिर-मस्जिद आज के एजेंडे में शामिल नहीं है.
एक वक्त हालात ऐसे हो गए कि उन्हें चुप करा दिया गया लेकिन बाद में बुक्कल नवाब ने अपने बयान पर सफाई दी कि वह मस्जिद के खिलाफ नहीं हैं. अल्पसंख्यक मोर्चे की कार्यसमिति में हुए विवाद के बाद अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री इफ्तिखार महामंत्री ने मामले को समझाते हुए बताया कि नवाब जो बात कह रहे थे उसे कुछ सदस्यों ने समझने में गलती कर दी जिसकी वजह से विवाद पैदा हो गया.
गौरतलब है कि संघ-बीजेपी की इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह भी लखनऊ पहुंचे हुए हैं. बुधवार को संघ के सामने बीजेपी अध्यक्ष ने राम मंदिर पर अपना स्टैंड रखा.
उन्होंने कहा है कि हमें न्यायालय के आखिरी फैसले का इंतजार करना चाहिए. हालांकि साथ ही उन्होने फिर दोहराया कि 1990 में बीजेपी का राम मंदिर पर जो स्टैंड था, वही आज भी है यानी जल्द से जल्द मंदिर बनना चाहिए.