राम मंदिर के भूमिपूजन के शुभमुहूर्त का ऐलान होने वाला है. शनिवार को श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भूमिपूजन के लिए 3 और 5 अगस्त की तारीख तय करके पीएमओ को भेज दी गई है. अब इस पर आखिरी फैसला पीएमओ करेगा कि कौन सी तारीख को राम मंदिर का भूमिपूजन किया जाए.
इसके साथ ही मंदिर के प्रस्तावित नक्शे और ऊंचाई में भी बदलाव किया गया है. अब राम मंदिर में 3 की जगह 5 गुंबद बनाने का फैसला किया गया है. राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इसके निर्माण को लेकर संशय बरकरार था. लेकिन शनिवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की बैठक में इसको लेकर अहम फैसले हुए.
राम मंदिर से भारत के करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. शनिवार को भूमिपूजन की खबर आई है, तो सबके मन में ये सवाल भी होगा कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का स्वरूप क्या होने वाला है. आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर कैसा होगा भगवान राम का भव्य मंदिर.
प्रस्तावित मॉडल के मुताबिक 2.75 लाख घन मीटर भू-भाग पर बनने वाला राम मंदिर दो मंजिल का होगा. इस मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 140 फुट और ऊंचाई 128 फुट होगी.
330 बीम और दोनों मंजिल पर 106-106 यानी कुल 212 खंभों वाले मंदिर में पांच दरवाजे होंगे. ये दरवाजे मंदिर के पांच हिस्सों यानी गर्भगृह, कौली, रंग मंडप, नृत्य मंडप और सिंह द्वार में लगाए जाएंगे.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि सोमपुरा ही मंदिर का निर्माण करेगा. सोमनाथ मंदिर को भी इन्हीं ने बनाया था. मंदिर बनाने में पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी. समाज के 10 करोड़ परिवारों से पैसा जुटाया जाएगा. जिसके बाद मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा.
आपको बता दें कि शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तिथि तय की गई. ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पीएमओ को भूमिपूजन के लिए तीन और पांच अगस्त का प्रस्ताव भेजा गया है.
इसके अलावा ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 11 ट्रस्टी भी मौजूद रहे, जबकि चार सदस्य वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए. मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तारीख तय हो गई है.
उन्होंने बताया कि बैठक में सभी लोगों ने राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रसन्नता जाहिर की. साथ ही जमीन से प्राप्त अवशेष को देखा. हालांकि मिट्टी की ताकत कितनी है, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. इसके बाद यह निर्णय होगा कि नींव कितनी रखी जाएगी.