वाल्मीकि कृत रामायण में प्रभु श्रीराम की जीवन गाथा लिखी हुई है। श्री राम के भाई श्री लक्ष्मण एक मान योद्धा थे। उन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है। वे स्वभाव में थोड़े उग्र थे। उनके इसी स्वभाव के कारण उनकी कुछ लोगों के साथ रोचक बहस हो जाती है। आओ जानते हैं उन्हीं बहस में कुछ प्रसिद्ध लोगों के साथ उनकी बहस।
1. लक्ष्मण और परशुराम संवाद : जब प्रभु श्रीराम भगवान शिव का धनुष तोड़ देते हैं तो इसकी सूचना परशुरामजी को मिलती है और वे क्रोधित होते हुए जनक की सभा में आ धमकते हैं। वहां जब वे राम को भला बुरा कहने लगते हैं तब लक्ष्मण से रहा नहीं जाता और फिर वे परशुराम का मजाक उड़ाते हुए उन्हें कटु वचनों में शिक्षा देने लगते हैं। इस संवाद में शील, क्रोध, संयम और वीरता का बखान होता है।बाद में श्रीराम लक्ष्मण
2. लक्ष्मण और सीता संवाद : माता सीता स्वर्ग मृग से मोहित होकर राम को उसे लाने को कहती है और श्रीराम लक्ष्मण को वहीं रहने की आज्ञा देकर वन में मृग के पीछे चले जाते हैं।
थोड़ी देर में सहायता के लिए राम की पुकार सुनाई देती है, तो सीता माता व्याकुल हो जाती है। वे लक्ष्मण से उनके पास जाने को कहती है, लेकिन लक्ष्मण बहुत समझाते हैं कि यह किसी मायावी की आवाज है राम की नहीं, लेकिन सीता माता नहीं मानती हैं और फिर दोनों में इस बात को लेकर बहस होती है। तब माता सीता लक्ष्मण को कटूवचन कहने लगती है। अंत: में लक्ष्मणजी को जाना पड़ता है।
थोड़ी देर में सहायता के लिए राम की पुकार सुनाई देती है, तो सीता माता व्याकुल हो जाती है। वे लक्ष्मण से उनके पास जाने को कहती है, लेकिन लक्ष्मण बहुत समझाते हैं कि यह किसी मायावी की आवाज है राम की नहीं, लेकिन सीता माता नहीं मानती हैं और फिर दोनों में इस बात को लेकर बहस होती है। तब माता सीता लक्ष्मण को कटूवचन कहने लगती है। अंत: में लक्ष्मणजी को जाना पड़ता है।
3. लक्ष्मण और शूर्पणखा संवाद : लक्ष्मणजी पर मोहित हो गई थी रावण की बहन शूर्पणखा। लक्ष्मण और शूर्पणखा के बीच इस बात को लेकर बहुत बहस हुई बाद में शूर्पणखा ने राम से विवाह करने की सोच तो लक्ष्मणजी ने शूर्पणखा की नाक काटी दी।
4. लक्ष्मण और मेघनाद संवाद : लक्ष्मण मेघनाद युद्ध के दौरान दोनों के बीच गर्म संवाद होता है। मेघनाद की शक्ति लगने से ही लक्ष्मण मुर्च्छित हो जाते हैं। उसके बाद संजीवनी बूटी से उनकी मूर्च्छा टूटती है और फिर भयंकर युद्ध होता है और लक्ष्मणजी मेघनाद का वध कर देते हैं।
5. रावण और लक्ष्मण संवाद : रावण जब युद्ध भूमि पर, मृत्युशैया पर पड़ा होता है तब भगवान राम, लक्ष्मण को समस्त वेदों के ज्ञाता, महापंडित रावण से राजनीति और शक्ति का ज्ञान प्राप्त करने को कहते हैं। लक्ष्मण उनकी आज्ञा मानकर रावण के पास जाते हैं। इस प्रसंग और पढ़ना और दोनों के संवाद को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इसी तरह के और भी संवाद रामायण में मिलते हैं जैसे कि रावण सीता के संवाद, राम और भरत के संवाद, वाल्मिकी और दशरथ के संवाद आदि। लेकिन जिन संवादों में ज्यादा शिक्षा और नीति की बातें हैं उनमें रावण और लक्ष्मण संवाद, अंगद और रावण संवाद, रावण और विभीषण संवाद, अंगद और बालि संवाद और मंदोदरी और रावण संवाद ही महत्वपूर्ण है।
का क्रोध शांत करते हैं।