अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण पूर्ण होने पर देशभर के साधु-संत, हिंदू धर्मगुरु और कथाकारों में हर्ष है। इसे लेकर कथा वाचक देवकीनंदन महाराज ने कहा कि प्रत्येक सनातनी के लिए यह सैकड़ों वर्षों बाद कोई दिव्य सपना साकार होने जैसा है। 22 जनवरी को रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। यह दिन उन सभी पुण्यात्माओं को नमन-वंदन करने का भी होगा, जिनके बलिदान और प्रयासों से यह सपना साकार हुआ है। ऐसे ही एक दिन मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिकरण का समय भी आएगा।
छत्तीसगढ़, उड़ीसा से कथा संपन्न कर वृंदावन पहुंचे कथा वाचक ने ठाकुर प्रियाकांत जु मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सनातनी का यह कर्तव्य है कि वह परिवार की बुजुर्ग पीढ़ी को एक बार अयोध्या ले जाकर श्रीराम मंदिर के दर्शन अवश्य कराए। तीन राज्यों में विपक्ष की करारी हार पर बोलते हुए देवकीनंदन महाराज ने कहा कि जो लोग श्रीराम-कृष्ण, सनातन धर्म और धार्मिक ग्रंथों पर सवाल उठा रहे थे, उन्हें अब तो समझ आनी चाहिए।