स्थानीय बाजार स्थित संचालित सिटी हास्पिटल का संचालक अस्पताल का बोर्ड उखाड़ कर फरार हो गया। इस अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की बहुत पहले से नजर थी। मंगलवार को सीएस अरुण कुमार तिवारी व डीपीएम धनंजय शर्मा की जांच के दौरान इसका खुलासा हुआ। मुख्यालय के पांच अस्पतालों की जांच के क्रम में जब यह जांच टीम इस सिटी हास्पिटल के पास पहुंची तो संचालक के साथ सभी मरीज दूसरे जगह निकल गए थे। केवल बोर्ड व वार्ड में लगा बेड व ओटी की फोटोग्राफी की गई थी। लेकिन बुधवार को अस्पताल का बोर्ड भी उखाड़ ले गए।
इस अस्पताल में नीम हकीम खतरे जान की कहावत चरितार्थ हो रही थी। बावजूद इसका अभी तक रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। फिर भी इस अस्पताल में इलाज के नाम पर मरीजों का शोषण हो रहा था। अस्पताल की आशा कर्मी से संपर्क कर मरीजों को अस्पताल में मंगाया जाता था। इसके लिए आशा कर्मियों को अच्छा कमीशन दिया जाता था। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि रामगढ़ के सिटी हास्पिटल की शिकायत काफी दिनों से मिल रही थी। बिना रजिस्ट्रेशन का अस्पताल संचालित करना गैरकानूनी है। इस संबंध में डीपीएम धनंजय शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जांच में सिटी हॉस्पिटल के साथ चार अन्य अस्पतालों पर भी कार्रवाई होनी है। सिविल सर्जन अरुण कुमार तिवारी ने कहा कि बोर्ड उखाड़कर भागने से कार्रवाई से वंचित नहीं हो सकता। सिटी हॉस्पिटल के संचालक पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।