राज्‍यसभा में दोपहर दो बजे किया जाएगा पेश ट्रिपल तलाक बिल

विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच लंबे अरसे से अटका तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पास हो गया था। अब इसे सोमवार 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यह बिल मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने के मकसद से लाया जा रहा है।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में यह विधेयक पेश करेंगे। उधर, कांग्रेस का कहना है कि वह वर्तमान स्वरूप में इस विधेयक को पारित नहीं होने देगी। भाजपा और कांग्रेस ने अपने राज्यसभा सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है।

इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस के सांसदों की एक बैठक भी हुई। सोमवार को भी राज्यसभा में पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में कांग्रेस सांसदों की बैठक होगी।

सभापति एम वेंकैया नायडू की सास का निधन हो गया है, इसलिए वे संभवत: सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। उनकी जगह सदन के संचालन की जिम्मेदारी उप सभापति हरिवंश संभाल सकते हैं।

बताते चलें कि गुरुवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा इसे मंजूरी दी जा चुकी है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे। तीन तलाक पर गुरुवार को लोकसभा में लंबी बहस हुई थी और सुबह से चली बहस के बाद शाम को तीन तलाक पर बिल पास हो गया।

इस ऐतिहासिक मौके पर भी संसद में आधे से ज्यादा सांसद गैरहाजिर थे। इसमें भी भाजपा के व्हिप जारी होने के बावजूद 30 सांसद अनुपस्थित थे। तीन तलाक में वोटिंग पर ओवैसी का प्रस्ताव गिरा। ओवैसी की तरफ से लाए गए प्रस्ताव को सदन से मंजूरी नहीं मिली।

मानवीयता के नजरिये से देखें : रविशंकर प्रसाद

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल को लोकसभा में पेश करते हुए कहा था कि इस मामले को मानवीयता के दृष्टिकोण से देखें, न कि राजनीतिक चश्मे से। उन्होंने कहा कि जनवरी 2017 से लेकर 10 दिसंबर तक देशभर में 177 ट्रिपल तलाक के मामले सामने आए।

कुरान की किस सूरा में है जिक्र : मीनाक्षी लेखी

लोकसभा में बिल के समर्थन में भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि समानता के अधिकार के तहत तीन तलाक को खत्म की जरूरत। मुझे गर्व है कि पीएम मोदी और हमारी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। सीआरपीसी 125 के तहत महिलाएं गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी हैं।

उन्होंने कहा कि तीन तलाक का विरोध करने वालों से पूछना चाहती हूं कि कुरान के किस सूरा में तलाक ए बिद्दत का जिक्र है। ये महिला बनाम पुरुष का नहीं बल्कि मानव अधिकार का मसला है। कांग्रेस तलाक के अधिकार की बात करती है, और हम शादी के अधिकार की बात करते हैं।

हिंदू विवाह कानून, पारसी विवाह कानून और मुस्लिम विवाह कानून के बीच तुलना करना गलत है। अगर इस पर चर्चा करनी है तो समान नागरिक संहिता पर हम सब एक साथ बैठें। निकाह पूरे समाज के सामने होता है, लेकिन एक वाट्सएप, एक एसएमएस, एक कॉल और शादी खत्म, ये कैसा कानून है। गुमराह करने वाले रवैये की वजह से अध्यादेश लाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक के 430 मामले सामने आए हैं।

कुरान में भी कहा गया है कि तलाक नहीं होना चाहिए, मोहम्मद साहब भी तलाक के खिलाफ थे। इसलिए उन्होंने तलाक को काफी लंबा और मुश्किल रखा, ताकि सुलह के ज्यादा से ज्यादा हो सके और तलाक की नौबत न आए।

मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से कांग्रेस इतिहास बनाने से चूकी, जो तीन तलाक खत्म करके हम बनाने जा रहे हैं। भगवान अयप्पा का स्वरूप एक ब्रह्मचारी का है। इसीलिए सबरीमाला मंदिर में महिलाएं खुद नहीं जाना चाहती हैं। शशि थरूर जी का बयान इस मामले को समझने के लिए काफी है।

सती प्रथा भी हुई खत्म

लोकसभा में बिल के समर्थन में भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सती प्रथा के बारे में जब बात हुई, तब भी लोगों ने इसका विरोध किया था। कहा गया कि यह धार्मिक मसला है। मगर, इसे खत्म कर दिया गया। बाल विवाह जैसी कुरीति को भी खत्म किया गया। इसी तरह से ट्रिपल तलाक भी कुरीति है और इसे भी खत्म किया जाना चाहिए।

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