राज्यसभा चुनाव से पहले सोमवार को गुजरात में कांग्रेस के एक ओर विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही दो दिन में कांग्रेस के पांच विधायक विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि एक विधायक अभी भी लापता है। भाजपा का दावा है कि अभी और विधायक कांग्रेस से अलग होंगे। उधर कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा उसके हर विधायक से संपर्क कर रही है।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने तीन प्रत्याशी मैदान में उतारे है। सभी तीनों सीटे जीतने के लिए भाजपा द्वारा एटीचोटी का जोर लगाया जा रहा है। उधर कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक जुट रखने के लिए उन्हें जयपुर भेजने के निर्णय के बाद शनिवार को चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
सोमवार को भी डांग के कांग्रेस के विधायक मंगल गावित ने भी स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है तथा कपराड़ा के कांग्रेस के विधायक जीतू चौधरी के लापता होने की खबर है। इसके साथ कांग्रेस के अभी तक पांच विधायक इस्तीफा दे चुके है। जिसके कारण कांग्रेस विधानसभा में संख्याबल घटकर 68 पर पहुंच गया है।
एक निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में है। एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 36 मतों की आवश्यकता होगी। हालाकि पांच विधायकों के पद से इस्तीफा देने से कांग्रेस का नंबर गेम बिगड़ जायेगा। भाजपा प्रथम वरीयता क्रम के अतिरिक्त 31 मतों के सहारे अपने तीसरे उम्मीदवार अमीन को भी जिता ले जाना चाहती है। कांग्रेस विधायकों में टूट से भाजपा खेमा खुश है।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात कांग्रेस में अंतरिक विवाद सबके सामने आ गया है। कांग्रेस के खेड़ब्रम्हा के विधायक अश्विन कोटवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा उनके हर विधायकों का संपर्क कर रही है और उन्हें करोड़ो रुपयों की लालच दे रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने खरीद फरोख्त की आशंका के चलते अपने 36 विधायकों को जयपुर भेज दिया है। लेकिन इसके बावजूद पार्टी के पांच विधायक प्रवीण मारु, जे.वी. काकडिया, सोमा गांडा पटेल, मंगल गावित और प्रघुमसिंह जाडेजा ने इस्तीफा दे दिया। जबकि जीतू चोधरी लापता है।
मध्य प्रदेश के बाद गुजरात में भी कांग्रेस के विधायक टूट रहे हैं। 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी के पांच विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। त्रिवेदी ने विधायकों का त्यागपत्र मंजूर कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि टूट-फूट की आशंका से ग्रस्त कांग्रेस ने अपने 14 विधायकों को शुक्रवार को जयपुर भेज दिया था। लेकिन, इसके बावजूद पार्टी के पांच विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। भाजपा राज्यसभा चुनाव में अपने तीन प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति में जुटी है। गुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को मतदान होगा। 182 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 103 विधायक हैं।
इन पांच विधायकों के त्यागपत्र के साथ ही कांग्रेस की संख्या घट गई है। एक निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में है। एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 36 मतों की आवश्यकता होगी। हालांकि, पांच विधायकों के त्यागपत्र से कांग्रेस का नंबर गेम बिगड़ जाएगा। भाजपा प्रथम वरीयता क्रम के अतिरिक्त 31 मतों के सहारे अपने तीसरे उम्मीदवार अमीन को भी जिता ले जाना चाहती है। कांग्रेस विधायकों में टूट से भाजपा खेमा खुश है तथा जीत को लेकर आशान्वित है।
भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी पहले दिन से दावा करते आ रहे हैं कि राज्यसभा की तीनों सीटें जीतने के लिए उनके पास पर्याप्त सदस्य संख्या है। उधर भाजपा प्रत्याशी नरहरि अमीन का कहना है कि कांग्रेस विधायकों का टूटना तोड़फोड़ नहीं यह एक गेम हैं। भाजपा राज्यसभा चुनाव में तीनों सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
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