उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को राजभवन से ऑनलाइन जोड़ा जाएगा और इसकी मॉनीटरिंग खुद राज्यपाल लालजी टंडन करेंगे। मामला शैक्षणिक कैलेंडर के तहत प्रवेश से लेकर परीक्षा परिणाम तक का हो या नैक मूल्यांकन व उपलब्ध शैक्षणिक स्टाफ से जुड़ा, राजभवन से ऑनलाइन व्यवस्था के जरिए सीधी निगरानी रखी जाएगी। छह महीने का कार्यकाल पूरा होने पर नवदुनिया से विशेष बातचीत में राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण के निर्माण के लिए सतत निगरानी जरूरी है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) राजभवन से ऑनलाइन जुड़ चुका है।
विश्वद्यिालय द्वारा बिना किसी खर्च और बजट मांगे छात्रों के सहयोग से एक अच्छा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। अब सभी विश्वविद्यालयों को इसी सॉफ्टवेयर के जरिए राजभवन से जोड़ने के लिए आरजीपीवी के साथ एमओयू कराया जा रहा है। टंडन ने कहा कि देश में यह पहला उदाहरण होगा, जहां सभी विवि की ऑनलाइन निगरानी राजभवन से संभव होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे शैक्षणिक परिसरों के वातावरण में भी सुधार होगा और शिक्षा की गुणवत्ता में भी उत्तरोत्तर प्रगति आएगी। इस मौके पर राज्यपाल ने उच्च शिक्षा समेत कई अन्य मुद्दों पर अपने विचार रखे और राजभवन से हो रहे प्रयासों को भी साझा किए।
राज्यपाल के साथ बातचीत के महत्वपूर्ण अंश :
सवाल : विवि द्वारा शैक्षणिक कैलेंडर का पालन नहीं किया जा रहा है, इसमें सुधार के लिए क्या प्रयास किए गए?
जवाब : यह बीमारी प्रयागराज में भी थी। बिहार के अमूमन सभी विवि इससे ग्रस्त थे। मप्र में भी विश्वविद्यालयों में सुधार की शुस्र्आत शैक्षणिक कैलेंडर से ही की। मैंने सभी कुलपतियों को पहले दिन ही कह दिया था कि यदि सम्मान बचाना है तो शैक्षणिक कैलेंडर को सख्ती से लागू करें। रिजल्ट समय पर न आने की शिकायतें भी आ रही थीं। आज कुछ ही विश्वविद्यालयों में कुछ ही ऐसे मामले बचे हैं। बाकी सभी के रिजल्ट घोषित हो चुके हैं। इसके साथ ही यह प्रावधान भी कर रहे हैं कि परीक्षा परिणाम घोषित होते ही छात्र ऑनलाइन मार्कशीट डाउनलोड कर सके, ताकि अन्य कॉलेज में एडमिशन लेने में परेशानी न हो।
सवाल : विश्वविद्यालयों को राजभवन से ऑनलाइन जोड़ने के लिए बजट व्यवस्था कहां से होगी?
जवाब : सरकार से बजट नहीं मांगा। आरजीपीवी ने इसमें काफी सहयोग किया। उसके द्वारा एक छात्र से सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया। जिसका पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा। अब हम सभी विवि का एमओयू आरजीपीवी से करा रहे हैं। जो विवि को राजभवन से ऑनलाइन जोड़ने के लिए सॉफ्टवेयर सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए प्रशिक्षण भी देगा और सभी विवि की सीधी मॉनीटरिंग राजभवन से संभव होगी।
‘मैंने पहले ही दिन प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की मीटिंग में चेतावनी दी थी कि अपना सम्मान बचाना है तो शैक्षणिक कैलेंडर का पालन सुनिश्चित करना होगा।’
‘विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन जोड़ने में यदि सरकार कोई योगदान न दे तो भी कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि हमने कम से कम खर्च में अपने स्तर पर ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार कर लिया है।’