उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि मैं खुद किसान की बेटी हूं, मेरे पिताजी के पास घर में 60 गाय थीं लेकिन कभी उन्होंने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ा। राज्यपाल ने प्रश्न किया गाय वृद्ध हो जाती है तो उसे बाहर क्यों छोड़ा जाए, क्या माता पिता वृद्ध हो जाते हैं तो क्या उन्हें भी बाहर निकाल देते हैं। खुला घूमने वाली गाय की आंख में देखने से पता चलता है कि वह पूछ रही है कि किसी अपने हमे क्यों इस तरह बाहर निकल दिया, मेरा क्या पाप था।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गुरुवार की सुबह कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि समूचे पूरे बुंदेलखंड में कृषि विश्वविद्यालय की विकास में अहम भूमिका है, क्योंकि कृषि ही विकास का आधार है। लाल बहादुर शात्री जी का सूत्र वाक्य जय जवान जय किसान… पर चलना होगा। उप्र प्रदेश सरकार को तकनीकी विकास के लिए पांच परियोजनाओं को संस्तुति दी गई है। इससे बुंदेलखंड में कृषि के विकास में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि अगर मां कुपोषित है तो बच्चा भी कुपोषित होगा। राज्य सरकार तो बेहतर खाना दे रही है लेकिन घर वाले बेटे के लिए परेशान रहते हैं। बेटियों के लिए पौष्टिक भोजन पर ध्यान देना चाहिये, यह सभी की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि 2025 तक प्रधानमंत्री द्वार टीबी मुक्त भारत बनाने का आह्वान है। इसके लिए हमें भी ध्यान देना होगा, समाज में टीबी रोगियों का पूरा ख्याल रखना चाहिए।