New Delhi: लिव इन रिलेशनशिप में  रहने वालों के लिए राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने एक बड़ा  बयान दिया है। प्रकाश टाटिया का कहना है कि लिव-इन रिलेशनशिप एक ‘सामाजिक आतंकवाद’ है। समाज के  लिए शादी  से पहले एक  साथ रहने वाले बड़ा खतरा बनकर उभर रहे हैं।
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प्रकाश टाटिया के इस बयान ने हंगामा मचा दिया है। टाटिया झारखंड हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस और राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व जज हैं। उन्होंने ना सिर्फ लिव में रहने वाले कपल्स को सामाजिक आतंवादी कहा है बल्कि इस तरह रहने के बाद छोड़ी हुई महिला को ‘तलाकशुदा महिलाओं से भी बुरी महिला बताया है। उन्होंने कहा, ‘यह कैसी आजादी है जिसमें समाज को बिना बताए किसी के साथ रहा जाता है। इससे समाज कलंकित होता है।
उन्होंने शादी के मामले में रिजस्ट्रेशन के जरिए लिव-इन रिलेशनशिप को रेगुलेट करने के लिए कानून बुलाया। उन्होंने कहा कि ‘लिव-इन रिलेशन’ पर पाबंदी लगनी चाहिए। इसके लिए कानून की जरूरत है जैसे शादी के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया गया है। दो लोग साथ रहकर समाज की प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगा सकते, शादी की तरह ही लिव-इन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले राजस्थान की राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा भी कुछ इसी तरह का बयान दे चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि वह लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ कैंपेन चलाएंगी क्योंकि यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने कहा था, ‘ऐसे रिश्ते खत्म होने पर सबसे ज्यादा महिलाओं को सहना पड़ता है। ऐसी महिलाओं की मदद करने का भी कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है।’
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