टोक्यो पैरालिम्पिक्स में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। जन्माष्टमी के दिन तो जैसे पदकों की बारिश हो गई। भारत सुबह से अब तक चार पदक जीत चुका है। दिन की गोल्डन शुरुआत शूटर अवनि लेखारा ने की, जिन्होंने रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण जीता। वे गोल्ड जीतने वाली भारतीय इतिहास की पहली महिला पैरालिंपिंक बन गई हैं। इसके बाद योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रों में सिल्वर जीता। फिर भाला फेंक वर्ग F45 में देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर और सुंदर सिंह ने कांस्य जीता। शो यही खत्म नहीं हुआ। इसके बाद स्वरूप उनहालकर ने 615.2 के स्कोर के साथ पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 के फाइनल में प्रवेश किया। यानी एक पदक और पक्का होग गया है। इस तरह भारत के कुल पदकों की संख्या 6 हो गई है और वह पदल तालिका में 34वें स्थान पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी खिलाड़ियों से फोन पर बात की और उनकी उत्साह बढ़ाया। (नीचे देखिए जश्न के वीडियो)
इस बीच, टोक्यो ओलंपिक्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने अवनि का धन्यवाद दिया है। बकौल नीरज, अवनि के बदौलत आज पूरे हिंदुस्तान ने टोक्यो में एक बार फिर हमारा राष्ट्रगान सुना। वहीं पदक विजेताओं पर इनामों की बरसात शुरू हो गई है। राजस्थान सरकार ने अवनि लेखाका को 3 करोड़ रुपए देना का वादा किया है। साथ ही देवेंद्र झाझरिया को 2 करोड़ और सुंदर सिंह गुर्जर को 1 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा।
भारत की शूटर अवनि लेखारा (Avani Lekhara) ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ भारत को पहला गोल्ड दिलाया है। इसके साथ ही डिस्कस थ्रो में योगेश कथुनिया ने सिल्वर मेडल दिया है। हालांकि वे गोल्ड मेडल से चूक गए। योगेश कथुनिया ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 स्पर्धा में रजत पदक जीता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों खिलाड़ियों को बधाई देते हुए ट्वीट किया है। इसके साथ ही भारत के खाते में अब तक पांच पदक आ गए हैं, जिनमें एक गोल्ड, 3 सिल्वर और 1 कांस्य पदक शामिल है।
अवनि की मां बोलीं डब्बू ने कमाल कर दिया
Avani Lekhara अवनि लेखारा ने महिलाओं की R2 10 मीटर एयर राइफल SH1 में स्वर्ण पदक जीता और इसके साथ ही विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। जयपुर की रहने वाली Avani Lekhara की उम्र महज 19 साल है। इसके साथ ही देशभर से बधाइयों का दौर शुरू हो गया है। अवनि की मां ने कहा डब्बू ने कमाल कर दिया। वहीं योगेश के पिता ने कहा कि उनके बेटे को यहां तक पहुंचाने में उसके दोस्तो की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उनके पास पैसे नहीं थे, दोस्तों ने पैसे जुटाकर टिकट खरीदा और योगेश को बड़े टूर्नामेंट में भेजा।
भाविना पटेल ने खोला था खाता: टोक्यो पैरालिम्पिक्स में भारत का खाता गुजरात के मेहसाणा की लविनाबेन पटेल ने खोला था। लविना ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जाती था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूचे देश ने उन्हें बधाई दी थी। गुजरात सरकार ने लविना को 3 करोड़ का ईनाम दिया है।