कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के तहत राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी वैक्सीन लगवाई. कलराज मिश्र ने जयपुर में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ ली.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज स्वयं कोविड वैक्सीन लगवाकर प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन के नए चरण का औपचारिक शुभारंभ किया। राज्यपाल मिश्र ने आज राजभवन में वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में कोविड बचाव संबंधी वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाई। राज्यपाल को स्वदेशी भारत बायोटेक निर्मित को-वैक्सीन लगाई गई है। उनकी धर्मपत्नी सत्यवती मिश्र ने भी वैक्सीन लगवाई है।
कोरोना से बचाव संबंधी वैक्सीन लगवाने के बाद राज्यपाल मिश्र ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि ये टीका प्रदेश और देश से कोरोना को समाप्त करने में मददगार साबित होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के लिए कोरोना का टीका लगवाना उनके उनके परिवार के लिए सबसे सुरक्षित कदम होगा। इस अवसर पर उन्होंने देश के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को बधाई भी दी।
गौरतलब है कि प्रदेश भर में आज से शुरू हो रहे कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम के नए चरण में सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों से भी कोविड वैक्सीनेशन करवाया जा सकेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी अस्पतालों के लिए कोविड-19 टीकाकरण की प्रति डोज की दर 250 रुपए निर्धारित की है, जो निजी अस्पतालों में कोविड-19 का टीका लगवाने वाले व्यक्ति द्वारा सम्बंधित अस्पताल को चुकानी होगी। इस दर में 150 रुपये वैक्सीन कीमत और 100 रुपये निजी अस्पताल का सर्विस शुल्क शामिल रहेगा। वहीं निजी अस्पतालों को कोविड वैक्सीन सरकार द्वारा उपलब्ध करवायी जाएगी जबकि अन्य सभी टीकाकरण संबंधी व्यवस्थाएं निजी अस्पताल की होगी।
चिकित्सा विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कल 2.0 वैक्सीनेशन प्रोग्राम के सबंध में राज्य के सभी सीएमएचओ व आरसीएचओ के साथ वीसी के माध्यम से बैठक की। उन्होंने बताया कि सभी जिलों के करीब एक हजार संस्थाओं व 88 निजी चिकित्सालयों में टीकाकरण किया जाएगा।
उन्होंने वीसी में अधिकारियों को निर्देशित किया कि लाभार्थी अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण कराएं इसके लिए एसडीएम सहित सरपंच, टीचर, राशन डीलर्स का भी सहयोग लिया जाए। चिकित्सा सचिव ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर दूसरी डोज के अतिरिक्त प्रथम डोज भी लगाई जाएगी।
प्रदेश में आज से शुरू हो रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम में एक से डेढ़ लाख लाभार्थियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। 45 से 59 वर्ष की उम्र के जटिल बीमारियों से ग्रसित उन्हीं व्यक्तियों के टीके लगाए जा सकेंगे जो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध 20 बीमारियों में से ग्रस्त होंगे।
ऐसे मरीज को रजिस्टर्ड मेडिकल प्रक्टिनर्स (आरएमपी) स्तर से जारी चिकित्सकीय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है। इन अनिवार्य चिकित्सकीय डॉक्यूमेंट के बिना व्यक्ति को इस चरण में टीकाकरण की सुविधा नही मिलेगी।