राजस्थान में चल रहे रहे सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत सरकार गिराने को लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सियासी संग्राम से सरगर्म राजस्थान की सियासत में और उबाल आ गया है. मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जयपुर के होटल व्यावसायी संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया है.
बीकानेर के लूणकरणसर के मूल निवासी संजय जैन की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मानिक चंद सुराणा ने इसको लेकर सफाई दी है.
सुराणा की ओर से सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि पूर्व वित्त मंत्री का संजय जैन से कोई लेना-देना नहीं है. न तो उन्हें इस प्रकरण की पूरी जानकारी है, और ना ही उनके संजय जैन से किसी प्रकार के ताल्लुकात हैं.
उन्होंने साफ कहा है कि संजय जैन के साथ उनके संबंधों को लेकर चल रही चर्चा अफवाह है. इसका वास्तविकता से कोई वास्ता नहीं है.
गौरतलब है कि ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता महेश शर्मा ने संजय जैन ऊर्फ संजय बरड़िया के साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई थी. वायरल ऑडियो में संजय और गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा की बातचीत होने का दावा किया जा रहा है.
संजय जैन लूणकरणसर का मूल निवासी है. महत्वाकांक्षी बताया जा रहा संजय करीब दो दशक पहले जयपुर की राजनीति में सक्रिय हुआ था. कहने को पार्टनरशिप में होटल का धंधा करने वाले संजय बरड़िया के परिजन हालांकि किसी भी कारोबार से उसके जुड़ाव की जानकारी से इनकार कर रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि होटल व्यवसाय से जुड़े होने के कारण बरड़िया के संपर्क कई नेताओं के साथ ही आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से हो गए.
संजय का मार्बल के कारोबार से भी जुड़ाव बताया जा रहा है. शहर के एक बड़े कारोबारी घराने से भी संजय के निकट संबंध बताए जाते हैं.
कहा जा रहा है कि वह परिवार बड़े उद्योग-धंधों के संचालन के साथ ही धर्म और राजनीति के क्षेत्र में भी अच्छी दखल रखता है. कभी संजय की गिनती लूणकरणसर के कांग्रेसी दिग्गज वीरेंद्र बेनीवाल के करीबियों में भी होती थी.
दबी जुबान से इसे किसी रैकेट से जुड़ा हुआ भी कहा जाता रहा है. संजय के सभी दलों के नेताओं से नजदीकी संबंध बताए जाते हैं.
संजय को राजनीतिक रसूख वाले लोगों और अधिकारियों से निकट संबंध बनाने में माहिर माना जाता है. संजय की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ उसकी तस्वीर भी सामने आई है.
बता दें कि गहलोत सरकार गिराने की साजिश के मामले में पूछताछ के लिए एसओजी की नोटिस मिलने के बाद अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया था.
कई दिन तक चली मान-मनौव्वल और बैठकों के दौर के बाद पायलट को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था. पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है.