Rajasuya Yagya In Gujarat. सौराष्ट्र के प्रतिष्ठित राजपरिवार के सदस्य मांधाता सिंह जाडेजा के राजतिलक समारोह से पूर्व राजसूय यज्ञ शुरू हुआ। मांधाता अपने पुत्र जयदीप के साथ नगर यात्रा पर निकले। सजा-धजा हाथी, 15 घोड़े, 25 विंटेज कारें भी इसमें शामिल थीं। दो हजार से अधिक राजपूत युवतियों ने तलवार रास कर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया।
सौराष्ट्र के सबसे प्रतिष्ठित राजकोट राजपरिवार के 17वें ठाकुर साहब मांधाता सिंह जाडेजा का राजतिलक आगामी 30 जनवरी को होगा। उससे पहले रणजीत विलास पैलेस में जल पूजा के साथ तीन दिवसीय राजसूय यज्ञ शुरू हुआ। मांधाता अपने पुत्र जयदीपसिंह जाडेजा के साथ चांदी के रथ में सवार होकर नगर यात्रा पर निकले। बैंडबाजों की धुन पर सजे-धजे हाथी, घोड़े व विंटेज कार रैली निकाली गई।
राजकोट के शहरवासियों ने रथ व कार में सवार राजपरिवार के सदस्यों व प्रदेश के अन्य रजवाड़ों से आए 50 से अधिक राजपरिवारों के सदस्यों का भव्य स्वागत किया। इससे पहले 2,126 राजपूत युवतियों ने तलवार रास कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया।
राजतिलक समारोह राजगद्दी व भारतीय परंपरा का सम्मान है। राजप्रणाली से लोगों के काम करने को वचनबद्ध हूं। नगर यात्रा में प्रजा जनों के दर्शन पूजनीय बात हैं। उनके साथ रहकर लोक कल्याण ही राजधर्म है।
-ठाकुर साहब मांधाता सिंह, राजकोट राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य।
राजकोट राजपरिवार में राजतिलक समारोह
राजकोट राजपरिवार में चार दिवसीय राजतिलक समारोह की शुरुआत सोमवार को आसापूरा माता के दर्शन व पूजा से हुई। 30 जनवरी को राजपरिवार के सदस्य मांधाता सिंह जाडेजा का पारंपरिक रूप से राज्याभिषेक होगा। शहर के रणजीत विलास पैलेस में आयोजित समारोह में देश के करीब सौ राजपरिवार व नामी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी आमंत्रितों में शामिल हैं। 30 जनवरी तक चलने वाले इस समारोह में राजपूत समाज के करीब 3000 युवक-युवती तलवार रास का प्रदर्शन करेंगे। यह अपने आप में रिकार्ड होगा। सोमवार को रामकथा वाचक मोरारी बापू रणजीत विलास पहुंचे और मांधाता सिंह जाडेजा को बधाई दी।
द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, दंडी स्वामी सहित देश-प्रदेश के करीब 50 संत-महात्मा भी इस समारोह में शामिल होंगे। 51 ब्राह्मण वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राज्याभिषेक कराकर समारोह को संपन्न कराएंगे। समारोह में करीब डेढ़ हजार विशिष्ट मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। राजकोट को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। रणजीत विलास पैलेस को राजपरिवार के ध्वज व राज चिह्न से सजाया गया है। मेहमानों के बैठने, जलपान सहित समारोह की विविध तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 400 साल पुराने इस राजपरिवार में यह राजतिलक का 17वां समारोह है।
राजकोट निवासी हिमांशु बायानी बताते हैं कि इससे पहले उनके पिता मनहर सिंह जी जाडेजा का राज्याभिषेक हुआ था। मनहर सिंह गुजरात विधानसभा के सदस्य चुने गए थे तथा स्वास्थ्य, वित्त, पोर्ट सहित आधा दर्जन से अधिक मंत्रालयों को संभाला था।