इस्लामाबाद | पाकिस्तान में सार्क (साउथ एशियन असोसिएशन फोर रीजनल कोऑपरेशन) देशों के गृह मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस में भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की स्पीच को मीडिया कवरेज से रोक दिया गया। पाकिस्तान ने राजनाथ की स्पीच को पूरी तरह से ब्लैक आउट कर दिया। राजनाथ सिंह की स्पीच को दौरान किसी भी मीडियाकर्मी को इसे कवर करने की इजाजत नहीं दी गई। राजनाथ सिंह दिल्ली पहुंचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे जिसे रद्द कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक राजनाथ पीएम से बात करने के बाद मीडिया को संबोधित कर सकते हैं। भारत इस मामले में अपना विरोध दर्ज करा सकता है।
केवल पाकिस्तान के सरकारी टीवी पीटीवी को ही पाक पीएम नवाज शरीफ और गृह मंत्री चौधरी निसार का शुरुआती भाषण कवर करने की इजाजत दी गई। पाकिस्तान के प्राइवेट मीडिया को भी इसकी इजाजत नहीं दी गई। राजनाथ सिंह ने अपनी स्पीच में पाकिस्तान को जमकर घेर रहे थे। सिंह ने अपनी स्पीच की शुरुआत में ही कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और इसके साथ ही जो इन्हें मदद कर रहे हैं उनके खिलाफ भी कड़ा ऐक्शन लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को मदद चाहे कोई व्यक्ति कर रहा हो या राष्ट्र सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जारी तनाव सार्क के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में उस समय साफ तौर पर देखने को मिला जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह का अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान से आमना-सामना हुआ। दोनों नेताओं ने बमुश्किल ही एक-दूसरे से हाथ मिलाए। जब सिंह सेरेना होटल में आयोजित सम्मेलन में पहुंचे तो खान वहां पदाधिकारियों का स्वागत करने के लिए दरवाजे पर ही खड़े थे।
हाथ मिलाने के नाम पर दोनों नेताओं ने मुश्किल से एक दूसरे के हाथों को छुआ भर। यह औपचारिक तौर पर हाथ मिलाना भी नहीं था। इसके बाद सिंह सम्मेलन वाले हॉल की ओर बढ़ गए। इस सम्मेलन की कवरेज के लिए नई दिल्ली से आए भारतीय मीडिया के सदस्यों को इस क्षण की तस्वीरें लेने का मौका नहीं दिया गया। भारतीय मीडिया को पाकिस्तानी अधिकारियों से दूर ही रखा गया।
इसके कारण भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी और एक पाकिस्तानी अधिकारी के बीच कहासुनी भी हो गई। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भारत-पाक रिश्तों में आया ठंडापन इस सम्मेलन में साफ तौर पर दिखाई दे रहा था। इसी बीच, खान ने कहा कि पाकिस्तान ‘सार्क की प्रक्रियाओं को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह इसे एक सफल क्षेत्रीय संगठन के रूप में देखने की इच्छा रखता है।’