राजधानी में एक बार फिर अपनी बात मनवाने के लिए सोमवार सुबह एक महिला समेत 7 लोग पानी की टंकी पर चढ़ गए। 60 फुट की ऊंचाई वाली टंकी पर चढऩे वाले सभी सात लोग किसान यूनियन के हैं। बताया जा रहा है कि यूनियन के लखीमपुर के कार्यवाहक अध्यक्ष श्यामू शुक्ला की गिरफ्तारी से आक्रोशित होकर व उसकी रिहाई की मांग को लेकर उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। मांग पूरी न होने पर आत्मदाह की धमकी भी दी है।
ये है पूरा मामला
मामला दुबग्गा के जागर्स पार्क का है। यहां के निकट पानी की टंकी पर सोमवार सुबह एक बार फिर हंगामा हुआ। अपनी मांगों को लेकर पानी की टंकी पर चढने वाले सात लोग किसान यूनियन के हैं। जिनमें पदाअधिकारी अर्जुन सिंह गौरैया, मानवेन्द्र सिंह नवीपनाह, आकाश रावत, उर्मिला रवतन निवासी तिलसुवा, राम रावत, कमलेश रावत, रमेश गौतम निवासी गौरैया माल शामिल है। यूनियन के लखीमपुर के कार्यवाहक अध्यक्ष श्यामू शुक्ला की गिरफ्तारी से आक्रोशित और रिहाई उनकी रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले को शांत कराते हुए समझाने का प्रयास कर रहा है।
ये है हाई-वोल्टेज ड्रामे की वजह
बताया जा रहा है कि लखीमपुर में करीब 2 माह पूर्व एक सरकारी कर्मचारी द्वारा आत्महत्या किए जाने को लेकर किसान यूनियन के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया था। बीते शनिवार को काकोरी में दशहरी स्थित यूनियन के कायालय पर प्रदेश स्तर की बैठक थी। जिसके बाद वापसी करते हुए संडीला चौराहे पर यूनियन के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष श्यामू शुक्ला की गिरफ्तारी कर ली गई। जिससे आक्रोशित होकर किसान यूनियन के सात लोग टंकी पर चढ़े हैं।
एक माह पहले इसी टंकी पर चढ़ा था अधिवक्ता परिवार
बता दें, बीते चार अक्टूबर को इसी तरह एक अधिवक्ता परिवार के सात लोग अपनी मांगों को लेकर जागर्स पार्क स्थित पानी की टंकी पर चढ़ा था। 24 घंटे तक ड्रामा कर प्रशासन को हिला कर रख दिया। दरअसल, जमीन के विवाद में करीब चार साल पहले भाई के अपहरण मामले में कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए परिरवार के सात सदस्यों ने हरदोई के एसपी और डीएम के साथ सरकार विरोधी नारेबाजी की थी। इतना ही नहीं टंकी पर चढकर खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह की धमकी भी दी। जानकारी पाकर हरदोई के एएसपी ज्ञानंजय सिंह और सीओ संडीला अमित कुमार श्रीवास्तव भी उन्हें मनाने काकोरी पहुंच गए। अधिकारियों ने हरदोई के डीएम से फोन पर बात कराने का प्रयास किया, लेकिन अधिवक्ता सिर्फ मुख्यमंत्री या डीजीपी से बात करने की बात पर अड़े रहे।
पानी टंकी के सुरक्षा पर सवाल
पानी टंकी परिसर का गेट हमेशा खुला रहता है और वहां चौकीदार की कोई व्यवस्था नहीं है। इसका ही नतीजा है कि वहां पर कोई भी व्यक्ति आसानी से दाखिल होकर टंकी पर चढ़ सकता है।