पीएमसी के बाद यस बैंक में आर्थिक संकट से कोहराम मच गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने यस बैंक से निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी, जिससे हड़कंप मचा हुआ है. आरबीआई के ऐलान के बाद से यस बैंक की शाखाओं और एटीएम में पैसा निकालने वालों की भीड़ लग गई है.
आरबीआई के आदेश के बाद से 3 अप्रैल तक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाला जा सकता है. इसके चलते यस बैंक में राजकोट महानगर पालिका का भी पैसा फंस गया है. राजकोट महानगर पालिका का खाता भी यस बैंक में हैं.
राजकोट महानगर पालिका ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पैसे को जमा करने के लिए साल 2017 में यस बैंक को चुना था. इसके लिए टेंडर भी जारी किया गया था. इसके बाद यस बैंक में पैसे जमा होते रहे.
फिलहाल राजकोट महानगर पालिका के यस बैंक में 164 करोड़ रुपये जमा हैं. आरबीआई की सख्ती के चलते यस बैंक से एक महीने तक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाला जा सकता है. लिहाजा राजकोट महानगर पालिका के पैसे फंस चुके हैं.
राजकोट महानगर पालिका के डिप्टी कमिश्नर चेतन नंदानी का कहना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अवॉर्ड के बाद हमने साल 2017 में टेंडर के माध्यम से यस बैंक को चुना था.
यस बैंक के खाते में धीरे-धीरे 164 करोड़ रुपये जमा हो गए. अब जब यह बात सामने आई कि यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाला जा सकता है, तो हमने आरबीआई से संपर्क किया है. हमने आरबीआई से पैसे निकालने में रियायत देने की मांग की है.
वहीं, यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मुंबई में उनके घर पर जहां ईडी ने तलाशी ली, वहीं उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है, ताकि वो देश छोड़कर बाहर न भाग सकें.
वहीं, यस बैंक से पैसा निकालने की सीमा तय किए जाने से खाताधारकों की चिंता बढ़ गई है और अफरातफरी का माहौल है. हालांकि आरबीआई ने यस बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिया है कि घबराइए मत. आपका पैसा सुरक्षित है. आपका पैसा कहीं नहीं जाएगा.
सिर्फ आरबीआई गवर्नर ही नहीं बल्कि देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आश्वासन दिया है कि यस बैक के ग्राहक घबराए नहीं, लेकिन आज के जमाने में एक महीने में सिर्फ 50 हजार की निकासी का मतलब ऊंट के मुंह में जीरे जैसा ही है. खासकर उनके लिए जिनका सैलरी अकाउंट येस बैंक में हैं.