भगवान सूर्य इस सृष्टि में शक्ति का जागृत बिंब हैं। भगवान सूर्य के द्वारा हमें कीर्ति यश और सुख समृद्धि मिलती है। यही नहीं भगवान सूर्य की आराधना करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। सूर्यके पूजन के लिए भारत में जहां कोणार्क में अति प्राचीन मंदिर प्रतिष्ठापित है। वहीं आधुनिक मंदिरों में रांची के सूर्य मंदिर का नाम सामने आता है। यहां दर्शन करने वालों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
तो दूसरी ओर रांची से 39 किलोमीटर की दूरी पर टाटा रोड स्थित बुंडू मंदिर प्रतिष्ठापित है। यहां भगवान सूर्य 18 पहियों के रथ पर आरूढ़ हैं। भगवान सूर्य के रथ को 7 घोड़ों द्वारा खींचा जा रहा है। तो दूसरी ओर टुसू मेले के अवसर पर विशेष मेलेका आयोजन होता है।
श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए यहां धर्मशाला भी बनवाई गई है। यहां आने वाले के सभी दुख दूर होते हैं और उन्हें ऐश्वर्य, सुख, धन, धान्य से संपन्नता मिलती है। इस मंदिर में छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। तीन दिनों तक श्रद्धालु यहां पूजन अर्चन करते हैं तो दूसरी ओर प्रति रविवार भी श्रद्धालु यहां दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा इस मंदिर में सूर्य का पूजन और मंत्र जाप भी किया जाता है। कई श्रद्धालु यहां गायत्री मंत्र जाप और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते हैं।