भारतीय टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी और चोट से जूझ रहे टीम इंडिया की कप्तानी जिस तरह से अजिंक्य रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में की वो बेमिसाल रहा। हालांकि रहाणे ने एक बल्लेबाज के तौर पर निराश किया, लेकिन एक कप्तान के तौर पर वो पूरे नंबर पाने में सफल रहे। ब्रिस्बेन टेस्ट में जीत के साथ भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर फिर से अपने नाम किया और चार मैचों की टेस्ट सीरीज में कंगारुओं को 2-1 से पटखनी दे दी।
ब्रिसबेन टेस्ट में मिली जीत और टेस्ट सीरीज को जीतने के बाद टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि, ये मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मुझे नहीं पता कि, मैं इसे कैसे बयान करूं, लेकिन टीम के खिलाड़ियों ने एडिलेड टेस्ट मैच में गजब कैरेक्टर और दृढ़ निश्चय दिखाया। मुझे टीम के हर एक खिलाड़ी पर गर्व है। ब्रिसबेन टेस्ट के बारे में रहाणे ने कहा कि, मेरे और पुजारा के बीच बल्लेबाजी के दौरान यही बात हो रही थी कि, वो सामान्य तरीके से बल्लेबाजी करेंगे जबकि मैं थोड़ा तेज खेलूंगा। ये सब खेल और इरादे के बारे में था।
इस मैच में जीत का क्रेडिट पुजारा को जाता है क्योंकि जिस तरह से उन्होंने दवाब को झेला वो अपने आप में कमाल था। पुजारा ने दूसरी पारी में 211 गेंदों का सामना करते हुए 56 रन बनाए और टीम को संभालने का काम बखूबी किया। वहीं रहाणे ने कहा कि, अंत में रिषभ पंत और वाशिंगटन सुंदर ने भी अच्छी बल्लेबाजी भी की। हमने दोनों पारियों में 20 विकेट लिए ये भी जीत के लिए अहम रहा। इसी वजह से हमने पांच गेंदबाजों को टीम में शामिल किया था।
रहाणे ने कहा कि, रवींद्र जडेजा की जगह आए वाशिंगटन सुंदर की वजह से टीम में संतुलन आया और पांच गेंदबाज के साथ खेलने का हमारा इरादा साफ था। मो. सिराज ने दो जबकि सैनी ने एक टेस्ट खेला और इनके पास ज्यादा अनुभव नहीं था ,लेकिन जिस तरह का कैरेक्टर टीम के गेंदबाजों ने दिखाया वो कमाल का था। हमने कभी भी एडिलेड के बारे में बात नहीं की। हमने हर मैच पॉजिटिव दृष्टकोण के साथ खेला और रिजल्ट की चिंता किए बिना मैदान पर उतरे। इसी का नतीजा रहा कि, हमने टेस्ट सीरीज जीतने में सफलता अर्जित की।