रविवार विशेष : इस दुर्लभ मंत्र से करें सूर्य देव की उपासना, मिलेगा धन-वैभव

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार रविवार का दिन सूर्य पूजा और उपासना के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन सूर्य को जल चढ़ाने, मंत्र का जाप करने और सूर्य नमस्कार करने से बल, बुद्धि, विद्या, वैभव, तेज, ओज, पराक्रम व दिव्यता आती है।

यहां आपके लिए प्रस्तुत है ‘राष्ट्रवर्द्धन’ सूक्त से लिया गया सूर्य का दुर्लभ मं‍त्र –

‘उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:।

यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा।।

सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:।

यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च।।’

अर्थ : यह सूर्य ऊपर चला गया है, मेरा यह मंत्र भी ऊपर गया है, ताकि मैं शत्रु को मारने वाला बन जाऊं।

प्रतिद्वन्द्वी को नष्ट करने वाला, प्रजाओं की इच्छा को पूरा करने वाला, राष्ट्र को सामर्थ्य से प्राप्त करने वाला तथा जीतने वाला बन जाऊं, ताकि मैं शत्रु पक्ष के वीरों का तथा अपने एवं पराए लोगों का शासक बन सकूं।

रविवार तक सूर्य को नित्य रक्त पुष्प डाल कर अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य द्वारा विसर्जित जल को दक्षिण नासिका, नेत्र, कान व भुजा को स्पर्शित करें। इस तरह सूर्य देव की उपासना करने से जीवन में चारों ओर से शुभता आती है।

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