शहर के छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों को जल्द डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा मिलेगी, जहां पर विज्ञान, साहित्य, धर्म आदि विषयों की डेढ़ करोड़ से ज्यादा किताबें कंप्यूटर पर मौजूद होंगी। बस एक क्लिक पर किताबों की सूची कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी, क्लिक करते जाइए और ज्ञान के सागर में गोते लगाइए। अर्मापुर के संत रविदास मंदिर में शहर की पहली डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण चल रहा है। पहले इसे रविदास जयंती (9 फरवरी) को लोकार्पित किया जाना था, लेकिन काम पूरा न होने की वजह से अब 14 अप्रैल को इसका लोकार्पण किया जाएगा।
इतिहास, विज्ञान, साहित्य, धर्म संग तकनीकी संस्थानों की भी पाठ्य पुस्तकें
यह प्रयास सामाजिक संगठन संत रविदास सेवा समिति का है। संगठन के उपाध्यक्ष डॉ.धीरेंद्र कुमार दोहरे और महामंत्री पारसनाथ के मुताबिक महानगर के बड़े से बड़े पुस्तकालय में एक लाख के आसपास ही किताबें हैं, लेकिन डिजिटल लाइब्रेरी में सभी विषयों को समाहित करते हुए डेढ़ करोड़ से अधिक किताबें मौजूद होंगी। इसके लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल), आइआइटी कानपुर, बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहूजी महाराज और दिल्ली विश्वविद्यालय से लिंक हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। एनडीएल और आइआइटी ने सहमति दे दी है। इन लिंक पर जाते ही ऑनलाइन की गईं किताबें कंप्यूटर स्क्रीन पर होंगी। डिजिटल लाइब्रेरी में फिलहाल सात कंप्यूटर लगाए जाएंगे।
फोटोकॉपी व बाइंडिंग की भी होगी सुविधा
संगठन के उपाध्यक्ष डॉ.धीरेंद्र कुमार दोहरे ने बताया कि डिजिटल लाइब्रेरी में वाई-फाई, एलसीडी प्रोजेक्टर, बार कोड स्कैनर, प्रिंटर, वीडियो कैमरा भी होगा, ताकि जरूरत पडऩे पर विशेषज्ञ से सीधा संपर्क भी किया जा सके। प्रिंटर से किताब की बेहद कम दरों पर फोटोकॉपी की सुविधा भी होगी।
इटावा में खुली थी प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी
इटावा का राजकीय जिला पुस्तकालय प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में वर्ष 2016 में विकसित किया गया था। राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन (एनएमएल) के तहत इसका विकास किया गया था। इसके अलावा इलाहाबाद सहित पूरे देश में इस प्रकार के 24 पुस्तकालयों का चयन किया गया था।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal