नई दिल्ली। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश माना जाता है| यहां जनता को अपना नेता चुनने का अधिकार है| लेकिन चुनाव में होने वाली गड़बड़ियों से आज वोटिंग की विश्वसनीयता खतरे में जाती नज़र आ रही है| हाल ही में यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए लेकिन इन बड़े चुनाओं में भी वोटों के हेर-फेर को लेकर पराजित पार्टियों ने तमाम सवाल खड़े किए| लेकिन अब ऐसे सवालों को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो चुका है|
दरअसल चेन्नई के आरके नगर उपचुनाव में नोट के दम पर वोट लेने के मामले में चुनाव आयोग ने सख्त दिखानी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग इस बार आरके नगर विधानसभा चुनाव को रद्द कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक चीफ इलेक्शन कमीश्न और राज्य प्राधीकरण के बीच मीटिंग के बाद इस पर सोमवार को फैसला आ सकता है। मिली जानकारी से पता चला कि वहां अब तक 100 करोड़ रुपए बंट चुके हैं।
बता दें कि यह सीट एआईडीएमके की पूर्व महासचिव जयललिता की मौत के बाद खाली हुई है। आयकर विभाग की छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर मीडिया में खबर चली कि वहां हर वोट की कीमत लगाने का प्रयास किया गया है। उपचुनाव में खर्च पैसे को देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि एक वोट की कीमत चार हजार रुपए लगाई गई है।
इकॉनमिक टाइम्स में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से लिखा गया है, इस मामले में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) में रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें आरके नगर में वोटर्स को बांटे गए कैश के डाक्युमेंट, ड्रग सप्लायर से अधिकारियों को दी गई घूस और कुछ दूसरी चीजें भी है।
मीडिया में लीक डाक्युमेंट के मुताबिक, शशिकला गुट के लोगों ने अपने 7 मंत्रियों को 89.5 करोड़ रुपए आरके नगर में बांटने के लिए दिया। इसमें उन्हें 85 फीसदी वोटर्स को कैस देने का टार्गेट दिया गया। डीएमके नेता स्टालिन ने लिस्ट में शामिल मंत्रियों और इस मामलेकी सीबीआई जांच की मांग की है।
आपको बता दें कि शुक्रवार को आयकर विभाग के अधिकारियों ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और उनके करीबियों के घर पर छापा मारा था। वहां से उन्हें 5.5 करोड़ रुपए कैश मिले थे। 89 करोड़ रुपए के डाक्युमेंट्स मिले थे।