रक्षाबंधन में बिना इन चीजों के पूजा रह जाती है अधूरी

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक हैं. इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें भाइयों के कलाई पर राखी बांधते हुए उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं, भाई भी बहनों को उपहार देते हुए बहनों की रक्षा का वादा करते हैं. ज्योतिष अनुसार रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने से पहले उसकी पूजा की जाती. तिलक आदि लगाया जाता है. आइए जानते हैं पूजा की थाली में कौन-सी जी जरूरी है और उसका महत्व.

अक्षत – हिंदू धर्म में पूजा की थाली में अक्षत का भी विशेष महत्व बताया गया है. किसी भी शुभ कार्यों में अक्षत को जरूर शामिल किया जाता है. इसलिए राखी की थाली में अक्षत को जरूर शामिल करें. कहते हैं कि अक्षत पूर्णता का प्रतीक होता है और इसे इस्तेमाल करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए तिलक करते समय अक्षत अवश्य लगाएं. कहते हैं कि अक्षत लगाने से भाई की आयु लंबी होती है और वे संपन्न रहते हैं. 

दीप जलाकर उतारें आरती- कहते हैं कि राखी की थाली में दीप जलाकर आरती उतारें. दीप में अग्निदेवता का वास होता है, जो किसी भी धार्मिक कार्यों में शुभ रहते हैं. दीपक जलाने से नकारात्मकता खत्म होती है. इसलिए राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें. ऐसा करने से भाई के ऊपर से नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाएगा. 

कुमकुम या रोली का तिलक – रक्षाबंधन पर भाई के लिए थाली सजाते समय उसमें कुमकुम या रोली अवश्य शामिल करें. सिंदूर या कुमकम को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. इसलिए कुमकुम को अपनी थाली में जरूर शामिल करें. भाई को सिंदूर का तिलक लगाने से उन पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है. साथ ही, पैसों की कोई कमी नहीं होती. 

चंदन से शांत होगा मन- ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि भाई के मस्तक पर चंदन लगाने से भाई का मन शांत रहता है. चंदन को माथे पर लगाने से भाई को भगवान विष्णु और गणेश जी का आशीर्वाद मिलता है. चंदन लगाने से मन शांत रहता है और भाई धर्म और कर्म के रास्ते से भटके नहीं.

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