भोपाल। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय सामूहिक योग कार्यक्रम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भोपाल के लाल परेड मैदान पर हुआ। इस दौरान सीएम ने लोगों को योग से जुड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि योग से लोग निरोग रहते हैं इसलिए योग को अपने जीवन में शामिल करें।पढ़ें पूरी खबर…

-इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योग ही एक ऐसा माध्यम है जो पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांध सकता है। लोगों को योग को जीवन में ठीक उसी तरह इस्तेमाल करना चाहिए जिस तरह नमक किया जाता है। इससे पहले जब सीएम योग स्थल पर पहुंचे थे तो छात्रों ने उन्हें घेर लिया। सीएम ने छात्रों संग सेल्फी और फोटोज क्लिक करवाए इसके बाद योग का कार्यक्रम शुरू किया गया।
 
										
-जिला मुख्यालयों पर जिला स्तरीय योग कार्यक्रम मंत्री परिषद के सदस्यों की उपस्थिति में हुआ। इसके लिए मंत्री गणों को जिले आवंटित किए गए थे। ये सामूहिक योग कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया जा गया है।
15 हजार साल पहले ऐसे शुरू हुआ योग
15 हजार साल पहले कुछ लोग ध्यान पर आधारित एक सभा में शामिल हुए। यह ध्यान लोगों को समझ नहीं आया और सिर्फ 7 लोग इस सभा में बचे। वे गुरु से मिले, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा- अभ्यास करो। 84 साल बाद संक्रांति के दिन जब सूर्य और पृथ्वी के संबंध बदलते हैं, दोनों अपनी स्थितियां बदलते हैं, उस दिन योगी भी अपने भीतर कुछ सुधार करते हैं। संक्रांति के दिन यह लोग चमकते हुए 7 पात्रों में बदल गए। यह 7 पात्र वे सात लोग ही थे, जो 84 सालों से योग कर रहे थे। इन 7 लोगों को आदियोगी कहा गया और दुनिया को पहला योग गुरु मिला। यह साल योग के पहले शिष्य बने, जिन्होंने अलग-अलग आसनों को बनाया। इन्हीं सात लोगों में से एक थे दक्षिण भारत योग के प्रसार के लिए गए अगस्त्य मुनि।
15 हजार साल पहले कुछ लोग ध्यान पर आधारित एक सभा में शामिल हुए। यह ध्यान लोगों को समझ नहीं आया और सिर्फ 7 लोग इस सभा में बचे। वे गुरु से मिले, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा- अभ्यास करो। 84 साल बाद संक्रांति के दिन जब सूर्य और पृथ्वी के संबंध बदलते हैं, दोनों अपनी स्थितियां बदलते हैं, उस दिन योगी भी अपने भीतर कुछ सुधार करते हैं। संक्रांति के दिन यह लोग चमकते हुए 7 पात्रों में बदल गए। यह 7 पात्र वे सात लोग ही थे, जो 84 सालों से योग कर रहे थे। इन 7 लोगों को आदियोगी कहा गया और दुनिया को पहला योग गुरु मिला। यह साल योग के पहले शिष्य बने, जिन्होंने अलग-अलग आसनों को बनाया। इन्हीं सात लोगों में से एक थे दक्षिण भारत योग के प्रसार के लिए गए अगस्त्य मुनि।
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