उत्तर प्रदेश सरकार 30 पर्यटन आवास गृहों को लीज पर देने जा रही है. पर्यटन को बढ़ावा देने और इसमें प्राइवेट पार्टियों की तरफ से बेहतर सुविधा विकसित करने के लिहाज से इन आवास गृहों को लीज पर देने का फैसला किया गया है. इससे पहले भी पर्यटन विभाग आवास गृह लीज पर दे चुका है.
नई योजना के तहत, 30 आवास गृहों की न्यूनतम कीमत तय करने के लिए मूल्यांकन करवाया जा रहा है. कीमत तय हो जाने के बाद कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा जाएगा और हर आवास गृह की कीमत सरकार तय करेगी. इसमें सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले निवेशक को लीज पर दिया जाएगा. ये लीज 30 साल की होगी और सब कुछ ठीक रहने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकेगा.
निवेश करने वाला अपने हिसाब से इसमें निर्माण और विकास कर सकेगा. इससे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में भी आवास गृहों को लीज पर देने के लिए टेंडर निकाला गया था लेकिन उस वक्त लोगों ने इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, फिर भी उस वक्त 6 आवास गृह लीज पर दिए गए थे.
इसमें दुधवा का टाइगर डेन, देवरिया के रामगढ़ ताल, मथुरा व महोबा के आवास गृह शामिल थे. दुधवा में टाइगर डेन अच्छा बिजनेस करने लगा, वहीं रामगढ़ ताल में निवेशक होटल बना रहा है. जिन पर्यटन आवास गृहों को लीज पर दिए जाने की योजना है, वो हैं- बटेश्वर-आगरा, भदोही, भूपिया मऊ-प्रतापगढ़, चुनार-मिर्जापुर, देवगढ़-ललितपुर, देवा शरीफ-बाराबंकी.
इसके अलावा देवकाली-इटावा, हरगांव-सीतापुर, कचला-बदायूं, कालिंजर-बांदा, कपिलवस्तु-सिद्धार्थनगर, खुर्जा-बुलंदशहर, नीमसार-सीतापुर, पटना पक्षी विहार-उन्नाव, साण्डी झील-हरदोई, संकिसा-फर्रुखाबाद, शिकोहाबाद-फिरोजाबाद, सुनौली-महाराजगंज, सोरो-एटा, शुक्रताल-मुजफ्फरनगर, बिठूर-कानपुर, कांधला-मुजफ्फरनगर, गोकुल-मथुरा, नगला चंद्र भान-मथुरा, बरसाना-मथुरा व मथुरा का पर्यटक आवास गृह भी कतार में हैं.