मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित देश के तमाम क्षेत्रों में चल रहे किसान आंदोलनों की खबरों के बीच यूपी से किसानों के लिए राहत भरी खबर आ रही है. शुक्रवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में फसली ऋण माफी योजना को लागू करने के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई. बैठक में योगी आदित्यनाथ ने फसली ऋण माफी योजना को लेकर वित्त विभाग को प्रभावी निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि यूपी की योगी सरकार की इस तत्परता के पीछे मध्य प्रदेश का हिंसक किसान आंदोलन काम कर रहा है.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि राज्य का बजट पारित होने के फौरन बाद लघु, सीमांत किसानों की फसली कर्ज माफी की धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही साथ मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि किसानों को कर्ज माफी संबंधी प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएं. योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कर्ज माफी प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु और सीमांत किसानों के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाएं.
किसानों को ऋण और वसूली के नोटिस से फौरी राहत देने के उद्देश्य से बैठक में योगी आदित्यनाथ ने वित्त विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि वे बैंकों को निर्देश दें कि राज्य सरकार का बजट पास होने तक वे इस योजना का लाभ पाने वाले किसानों को नोटिस न जारी करें. योगी ने कहा कि इस योजना के प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए. योजना का लाभ पाने वाले किसानों के बैंक खातों को आधार से लिंक कराया जाए.
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने संकल्प पत्र की बात दोहराते हुए कहा, “यह सरकार किसानों के कल्याण व उनकी खुशहाली के लिए संकल्पबद्ध है.” गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी द्वारा जारी किए गए संकल्प पत्र में किसानों के लिए कर्ज माफी की बात भी कही गई थी.