राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में लोगों को आमंत्रित करने का सिलसिला शुरू हो गया है. गुजरात के अलग-अलग धर्म संस्थान से जुड़े सात लोगों को मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम का न्योता मिला है. इसमें स्वामी नारायण संप्रदाय के एक संत, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अविचल दास महाराज शामिल हैं.
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम 5 अगस्त होगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती समेत करीब 200 मेहमान शिरकत करेंगे. मेहमानों की लिस्ट पीएमओ भेजी गई थी. पीएमओ को लिस्ट भेजने के बाद लोगों को न्योता भेज दिया है.
इस बीच राम मंदिर के डिजाइन में बदलाव किया गया है. मंदिर के मुख्य वास्तुकार सी. सोमपुरा के बेटे और वास्तुकार निखिल सोमपुरा ने कहा कि मंदिर का पिछला डिजाइन 1988 में तैयार किया गया था. उसे 30 साल से अधिक समय हो चुका है. हमने सोचा कि इसका आकार बढ़ाया जाना चाहिए. मंदिर की ऊंचाई 141 फीट से बढ़ाकर 161 फीट कर दी गई है.
वास्तुकार निखिल सोमपुरा ने आगे कहा कि मंदिर के डिजाइन में दो और मंडपों को जोड़ा गया है और पहले के डिजाइन के आधार पर उकेरे गए पत्थरों और सभी स्तंभों का उपयोग भी किया जाएगा. नए डिजाइन में सिर्फ दो नए ‘मंडप’ जोड़े गए हैं. 1988 में तैयार मूल डिजाइन में मंदिर की ऊंचाई 141 फीट थी, जिसे बढ़ाकर 161 फीट लंबा कर दिया गया है.
निखिल सोमपुरा ने कहा कि मंदिर के निर्माण में करीब साढ़े तीन साल लगेंगे. जैसे ही भूमि पूजन समारोह संपन्न होगा, वैसे ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. मशीनरी और सामग्रियों के साथ लार्सन और टुब्रो की टीम मौके पर पहुंच गई है और नींव का काम तुरंत शुरू हो जाएगा. काम पूरा होने में तीन से साढ़े तीन साल लगेंगे.
तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान भव्य भूमि पूजन समारोह से पहले आयोजित किया जाएगा. यह अनुष्ठान नींव के पत्थर के रूप में 40 किलो चांदी की ईंट की स्थापना को लेकर होगा. अनुष्ठान 3 अगस्त को ‘गौरी गणेश’ पूजा के साथ शुरू होगा और इसके बाद 4 अगस्त को ‘रामरचा’ होगा, जिसमें बिना रूके ‘राम नाम’ का पाठ किया जाएगा.