योगी सरकार का बजट यूपी की ईकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने में काफी अहम होने वाला

यूपी के राजनीतिक परिदृश्य में सोमवार 22 फरवरी को एक नया अध्याय जुड़ने वाला है. सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र में पेश होने वाला योगी सरकार का पांचवां बजट कई मायनों में खास साबित होने वाला है. योगी सरकार प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी. इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक और रिकॉर्ड जुड़ने जा रहा है, भाजपा सरकार के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं, जिनकी देखरेख में लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया जा रहा है.

यूपी सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब यूपी की कमान संभाली थी, उस समय प्रदेश की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं थी. आर्थिक रूप से काफी कमजोर प्रदेश को विकास के राह पर लाना आसान नहीं था, लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद सीएम योगी ने हर वित्तीय वर्ष में बजट को बढ़ाया”. योगी सरकार ने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था. इसके बावजूद जनता पर बिना कोई टैक्स बढ़ाए 86 हजार किसानों की 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग के रूप में करीब 36 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़, 2018-19 में 4.28 लाख करोड़, 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ और 2020-21 में 5.12 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था. सीएम योगी का अब पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान है.

यूपी की ईकोनॉमी को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए सरकार की ओर से हरसंभव कोशिश की जा रही है. योजना विभाग ने कंसल्टेंसी फर्म का चयन कर लिया है और अब जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाया जाने वाला है. सरकार का यह बजट यूपी की ईकोनॉमी को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने में काफी अहम होने वाला है.

आर्थिक विशेषज्ञ अरविंद जायसवाल का कहना है कि योगी सरकार ने अपने पिछले चार बजटों के माध्यम से सभी क्षेत्रों को समग्र बनाने का कार्य किया है. हालांकि अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं. इसलिए ज्यादातर उम्मीद यह ही है कि इस बार सरकार अपने बजट में उन क्षेत्रों पर भी फोकस करेगी, जिन पर कम काम हुआ है. उनका कहना है कि एक ट्रिलियन डॉलर ईकोनॉमी का सपना अगर साकार होता है तो यह प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा.

योगी सरकार का पहला बजट किसानों पर आधारित था, दूसरा औद्योगिक विकास, तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण और चौथा बजट युवाओं के विकास पर आधारित था. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इसी दूरदर्शी नीति के कारण पिछले पौने चार साल में योगी सरकार ने किसानों, औद्योगिक विकास, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के लिए अनुकरणीय कार्य किए हैं. जिसका नतीजा है कि प्रदेश में सभी वर्ग के लोग सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं.

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