योगी सरकार एक्शन में: यूपी में जुमे पर खामोशी छाई हुई

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन बिल (CAA) पर भारी कोहराम और हिंसा के बाद फिलहाल खामोशी छाई हुई है. वो तमाम शहर जो 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक सुलग रहे थे, उन जिलों के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में गुस्सा तो है लेकिन खौफ भी साफ दिखाई दे रहा है.

अगर आप सोच रहे हैं कि यूपी में 19 लोगों की मौत के बाद हिंसा पर लगाम लग गई या लोग शांत हो गए तो शायद यह कहना गलत है. दरअसल, यह खामोशी जुर्माने के नोटिस और घरों की कुर्की की दहशत से उपजी है. लखनऊ, रामपुर और मेरठ में आगजनी सरकारी संपत्ति को नुकसान और तोड़फोड़ के बाद अकेले लखनऊ में करीब 300 लोगों को नोटिस थमाया गया है. यह नोटिस जुर्माने की रकम वसूलने का पहला चरण है.

हिंसाग्रस्त हर जिले की पुलिस ने ट्विटर से लेकर चौक चौराहों तक उपद्रवियों और प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें टांग दी हैं. पहचान बताने वालों को इनाम का ऐलान तक कर दिया गया है. साथ ही जिन की पहचान हो चुकी है उनके घरों पर नोटिस भेजे जाने लगे हैं. नोटिस में यह पूछा जा रहा है कि आप हिंसक प्रदर्शन में शामिल थे, उपद्रव और तोड़फोड़ में आप पहचाने गए हैं क्यों ना आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

दरअसल, योगी सरकार ने हिंसा के अगले ही दिन यह ऐलान कर दिया था कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई उन्हीं उपद्रवियों से वसूली जाएगी. अकेले लखनऊ में यूपी पुलिस ने 300 से ज्यादा वीडियो और 3000 से ज्यादा तस्वीरों के साथ अनगिनत सीसीटीवी के फुटेज खंगाले हैं. जिसकी पहचान के आधार पर अब तक 110 लोगों को प्रदर्शनकारी और उपद्रवी मानकर नोटिस थमा दिया गया है

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