योगी सरकार ने पहली कैबिनेट की बैठक में किसानों को बड़ी राहत देते हुए एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया है. योगी कैबिनेट की मंगलवार शाम पांच बजे से बैठक शुरू हो गई है. कर्ज माफी के लिए योगी सरकार 36 हजार करोड़ रुपये देगी. फिलहाल प्रदेश के 2.15 करोड़ किसानों का एक लाख रुपये कर्ज माफ होगा.
लोक भवन में होने वाली योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में पांच प्रस्तावों पर मुहर लगेगी.
1. बीजेपी के चुनावी लोक संकल्प पत्र के मुताबिक लघु और सीमांत किसानों की कर्जमाफ़ी के प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद थी. बीजेपी ने अपने लोक संकल्प पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज माफ़ कर दिया जाएगा. कैबिनेट में किसानों की कर्ज माफ़ी का प्रस्ताव पास होने से बुलंदेलखंड के 86 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. प्रदेश में लघु और सीमांत किसानों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है. सीमांत किसान वे हैं जिनके पास 2.5 एकड़ भूमि या 1 हेक्टेयर से कम है. लघु किसान वे हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ से कम भूमि है.
2. एंटी रोमियो स्क्वायड गठन के प्रस्ताव को भी मिलेगी मंजूरी.
4. 100 प्रतिशत गेहूं खरीद के प्रस्ताव को भी मिलेगी हरी झंडी.
5. गाजीपुर में स्टेडियम बनाने के प्रस्ताव पर भी लग सकती है मुहर.
यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद ताबड़तोड़ फैसले करके सुर्खियों में आए योगी आदित्यनाथ की पहली कैबिनेट पर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की नजर लगी हुई है. सबसे बड़ी वजह किसानों की कर्जमाफी के वादे से जुड़ी है. उनके फैसलों की वजह से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
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सरकार के कई मंत्री कह चुके हैं कि इसी बैठक में कर्जमाफी पर फैसला हो जाएगा. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि पहली कलम से लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कह चुके हैं कि संकल्प पत्र हमारे लिए धर्म ग्रंथ जैसा है. उसमें किया गया हर वादा निभाया जाएगा.
पार्टी ने ‘मुफ्त’ के जो पांच बड़े वादे किए हैं उससे ही सरकार पर करीब 35 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है. जबकि उत्तर प्रदेश सरकार पर इस वक्त 2,95,770 करोड़ रुपए का कर्ज है.