क्रिकेट में 2011 का वर्ल्डकप फाइनल किसे याद नहीं है जब धोनी ने अपने शानदार छक्के से पुरे भारत को हिलाकर रख दिया था और 1983 के बाद एक बार फिर भारत को वर्ल्डकप जीताया था। तो आइये आज हम बात करते है उन शीर्ष खिलाड़ियों की जो वाकई अच्छे मैच फिनिशर रहे थे और कई आज भी है।
महेंद्र सिंह धोनी (भारत)
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जिन्होंने टीम इंडिया को साल 2007 का टी20 और 2011 का विश्व कप जिताया था। इस दौरान इन्होंने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए खूब प्रभावित किया।साथ ही 2011 विश्व कप के फाइनल में इन्होंने छक्के के साथ भारत को जिताया था। धोनी ने फाइनल में नाबाद 91 रनों की पारी खेल अपने अंदाज में मैच को फिनिश किया था।
माइकल बेवन (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में माइकल बेवन भी एक शानदार मैच फिनिशर रहे है। इन्होंने कई मौकों पर टीम को जिताया है। एक बार इन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार मैच फिनिशर की भूमिका निभाई थी जब टीम संकट में थी।जी हाँ, बता दें कि इस मैच में बारिश हो गयी थी इस कारण ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 43 ओवर में 173 रन ही बनाने थे। लेकिन टीम के 38 रनों पर 6 विकेट गिर गये थे जिसके बाद इन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को जिताया था।
माइकल हसी (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल हसी जिन्होंने अपने देश के लिए बहुत क्रिकेट खेला था। ये भी अपनी टीम के सबसे अच्छे मैच फिनिशर में से एक रहे है। इन्होंने कई मर्तबा टीम को मुश्किलों में फंसने के बाद जिताया है।
बता दें कि साल 2010 के टी-20 विश्व कप में इन्होंने एक मैच में पाकिस्तान के खिलाफ तूफानी 80 रन की नाबाद पारी खेली थी और ऑस्ट्रेलिया को एक बेहतरीन जीत दिलाई थी।
लांस क्लूजनर (दक्षिण अफ्रीका)
अफ्रीकी तूफानी बल्लेबाज लांस क्लूजनर भी इस सूची में शामिल है। इन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए 49 टेस्ट और 171 वनडे मैच खेले थे जिसमें इन्होंने कई मैचों में अपनी टीम को संकट की स्थिति में जिताया है। इन्होंने साल 1999 के विश्व कप में शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी की थी।
अब्दुल रज्जाक (पाकिस्तान)
पाकिस्तान के ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक को भला कौन भूल सकता है। जी हाँ, रज्जाक जो कि एक ऑलराउंडर रहे है। इन्होंने पाकिस्तान के लिए खूब क्रिकेट खेली। ये पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सबसे अच्छे मैच फिनिशर में से एक रहे है।ये भी भारतीय क्रिकेटर धोनी की तरह ही छक्का लगाने में लोकप्रिय थे। एक बार इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ साल 2005 में महज 11 गेंदों पर 47 रन बना डाले थे।