New Delhi: इंडियंस जिस भी देश में जाते हैं, वहां अपनी पहचान बना लेते हैं। वहीं, अगर बात सिखों की करें तो वे जिस देश में भी गए, वहां गुरुघर स्थापित कर लिए, जिससे कि वहां दिन-रात लंगर चलें और भूखे अपना पेट भर सकें।इसी कड़ी में हम बात कर रहे हैं दुबई के जेबल अली इलाके में स्थित गुरुद्वारे की, जो यूएई का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां रोजाना लंगर चलता है, लेकिन शुक्रवार का दिन स्पेशल होता है। यहां हरेक शुक्रवार को 100 लीटर चाय, 200 किलो चावल, 120 किलो आटा, 150 किलो दाल के लंगर की व्यवस्था की जाती है। इस दिन यहां तकरीबन 10 हजार श्रद्धालू पहुंचते हैं और बाकी दिनों की कहानी भी ऐसी ही रहती है। बैसाखी के दिन तो यहां 50,000 से अधिक लोग माथा टेकने पहुंचते हैं। इतना ही नहीं, यहां शुक्रवार को दुबई के शेखों की भी भारी तादात देखी जा सकती है। रमजान के पवित्र महीने में तो यहां पूरे महीने रोजा इफ्तारी की व्यवस्था होती है, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम पहुंचते हैं।सूर्य की पहली किरण सीधे दरबार साहिब में पहुंचती है गुरुद्वारे की खासियत यह है कि इसके निर्माण में दुनिया भर के कई देशों से खास स्टोंस और मार्बल्स मंगवाए गए थे। गुरुद्वारे का निर्माण भी इस तरह से किया गया है कि सूर्य की पहली किरण सीधे दरबार साहिब पर पहुंचती है। यह नजारा इतना सुंदर होता है कि इसे देखने गुरुद्वारे में लोगों की भीड़ जमा रहती है।गुरुद्वारे की अन्य खासियतें
– 5 स्टार किचन
– आलिशान पर्पल कॉरपेट
– आकर्षक झूमर
– मनमोहक लाइट डेकोरेशन
– खूबसूरत डोम
– ऑटोमेटिक गेट
– सोने और चांदी की खास कारीगरी
– 24 किलो गोल्ड से बनी पालकी साहिब